सुप्रभात पर सुविचार पूरे दिन को ताज़गी से भर देते हैं, जिससे सारा समय मन शांत और खुश रहता है।
आजकल लोग सबसे पहले मंगलमय सुप्रभात शायरी से दिन की षुरूआआत करना पसंद करते हैं।
अगर आप भी ऐसे ही सुप्रभात पर कविताएं पढ़ने के लिए ढूंढ रहे तो यह संकलन आपके बहुत काम आएगा, जिसे आप कभी भी Share कर सकते हैं।
सुप्रभात पर सुविचार | Quotes To Make A Fresh START
आइए सुप्रभात पर अनमोल विचार पढ़ना शुरू करते हैं –
1. सुबह आंख खुलते ही, ईश्वर का धन्यवाद करें क्योंकि ऐसे बहुत से लोग हैं जिन्होंने, आज की सुबह नहीं देखी है। |
2.
जीवन अनमोल है, इसे किसी भी तरह के नकारात्मक सोच के प्रभाव से दूर रखने की कोशिश कीजिए, स्वस्थ मन और स्वस्थ तन से, स्वस्थ चरित्र का निर्माण होता है। |
3.
सुबह जागने के बाद, ख़ुद से एक वादा कीजिए कि आज आप खुश रहेंगे और अपने आसपास में, सकारात्मक माहौल बनाकर रखेंगे। |
4.
जैसे सूर्योदय के समय की, ताज़गी न देखने वालों के मन में सूर्य की तपिश को लेकर चिढ़ होती है, ठीक उसी तरह किसी में अच्छाई न देख कर बुराई देखने वालों में, मन द्वेष के भाव से भरा रहता है। |
5.
जैसे सूर्य का उदय होना, इस बात की निशानी है कि अंधेरे का अंत कभी न कभी होता ही है, उसी तरह मन में जगाए आशा का एक दीप, निराशाओं के काले भंवर का अंत करने में सहायक है। |
6.
पहाड़ों से सीखिए दृढ़ता, कैसे हर विपरीत परिस्थिति में भी स्वयं को अडिग रखना है। |
7.
नदियों से सीखिए सरलता, कैसे अविरल बहते रहना है समस्याओं को मानिए छोटे पत्थर के टुकड़े, जो नदी के पानी के प्रवाह को रोक नहीं सकते। |
8.
सुबह के समय किसी को न में जवाब न दें, जैसे नाश्ते में Biscuit नहीं है तो कहिए Biscuit शाम के नाश्ते में मिलेंगे, नकारात्मक शब्दों से दूरी बनाएं। |
9.
हर शब्द की अपनी, ऊर्जा होती है और सुबह की शुरुआत जिस ऊर्जा के साथ कर रहे हैं, उस ऊर्जा का प्रभाव सारे दिन बना रहता है। |
10.
एक कप चाय, Favorite किताब के कुछ पन्ने और घर की कोई खिड़की जहाँ से सूरज की लालिमा दिखाई दे। |
11.
निकल आता है दिनकर, रोज़ पहाड़ों को चीरकर तुम क्यों न बढ़ते आगे, अपनी समस्याओं को भूलकर। |
12.
मन में चल रहे वाद-विवाद को, ईश्वर पर छोड़ दीजिए कुछ विवादों के हल, समय के साथ मिल ही जाते हैं। |
13.
अपने आप में धन्यवाद, कहने की भावना का बीज बोइये ईश्वर और ब्राह्मंड से जो कुछ भी, आपको मिला है उसके लिए धन्यवाद कीजिये। |
14.
जो कुछ भी आपको, आज के दिन करना है उसे एक जगह लिख लीजिये, इस तरह पूरे दिन ये ध्यान रहेगा कि क्या बाकी है, क्या छूट गया और आपकी काम टालने की आदत छूट जाएगी। |
15.
ज़्यादातर लोग लक्ष्य तो बना लेते हैं लेकिन, एक पग भी आगे बढ़ने से डरते हैं ये लोग काम टालने में Expert होते हैं, यदि आप भी ऐसे हैं तो कुछ पल सोचिये प्रकृति ने कभी अपना काम टाला है? |
16. अधिक फलदार वृक्ष झुक जाते हैं, मीठे पानी की झील सूखती नहीं प्रेम से भरा व्यक्ति, कभी रोता नहीं और परोपकारी व्यक्ति को कभी किसी वस्तु की कमी न होती। |
17.
सुबह की शुरुआत, एक मुस्कुराहट के साथ करें ताकि पूरा दिन खुशियों से भरा हो। |
18.
हर सुबह ख़ुद के लिए, एक विचार बनाएं उसे प्रत्यक्ष रूप से देखने की कोशिश करें, इसके बाद उसे सफल करने में जुट जाएं। |
19.
घनघोर अंधेरे के बाद ही, सूर्य का उदय होता है इसलिये जब परिस्थितियां विपरीत हो तो, शांत मन से उससे निकलने की सोचे न कि उसमें ही विलुप्त हो जाने की। |
20.
जब समस्या आए तो समस्याओं पर नहीं, उनके समाधानों पर होने वाली कोशिशों पर चर्चा करें हम जो करने की सोचते हैं वही होता है। |
21.
काम को कभी भी, भार की तरह न लें सदैव उसे उत्साह से करें, काम अपने आप आसान हो जाएगा। |
22.
कभी-कभी आलस की Chain, तोड़ने के लिए ख़ुद की दिनचर्या में सम्भावित कठिन फैसले लेने ज़रूरी हैं। |
23.
यदि सुबह जगने में समस्या है तो, रात में सोने से पहले दिमाग में विचार लाएं कि सुबह उठने के बाद, आपको प्रकृति से मिलना है ये प्रकृति ही आपको सुबह जगायेगी। |
24.
अपने Plans और Ideas, तब तक किसी के साथ न Discuss करें जब तक कि आप पूरी तरह से, आश्वस्त न हो जाएं कि सुनने वाला आपका प्रतिद्वंद्वी नहीं है। |
25.
चित्त को प्रसन्न कर दे वो मद्धम वायु, चित्त में जो प्रकाश भर दे वो है लालिमा। |
26.
पिछली रात के दुखों का असर, आज की सुबह पर ना आने दें, ध्यान लगाएं और ख़ुद को तरोताजा पाएं। |
27.
मुहब्बत कीजिये,मुहब्बत पाइए , मुहब्बत ही बन जाइये, दुनिया में मुहब्बत से बड़ी ताकत कुछ भी नहीं है। |
28.
चाहे आप अपनी प्रसिद्धि से कितना भी प्रसन्न हों लेकिन यदि आप में सहजता नहीं होगी तो लोग आपकी कद्र नहीं करेंगे। सूर्य की भी सूर्योदय के समय ही पूजा होती है तेज दुपहरी में नहीं। |
29.
कठोर इतने भी न बनो कि कोई निष्प्राण ही समझ लें । मधुर इतने भी न बनो कि लोग लूट कर चलें जाएं। स्वभाव में संतुलन जरूरी है।। |
30. यदि किसी रास्ते पर हो और रास्ता कठिनाई से भरा हो तो भी रुकने की जरूरत नहीं है । इस संसार में जो कुछ भी आसानी से मिला है वो या तो तुम्हारा नहीं है या फिर क्षणिक है। |
31.
पहाड़ों को अपनी विशालता का घमंड तब तक ही रहता है जब तक कि उनका सीना चीरकर नदी की धारा नहीं प्रकट हो जाती। इसी तरह कठोर स्वभाव के व्यक्ति की भी कठोरता तभी तक है,जब तक कोई सुविचार व्यक्ति उसे नहीं मिलता। |
32.
बारिश की बूंद सीप में पड़े तो मोती, स्वाति नक्षत्र में पड़े तो चातक पक्षी की प्यास बुझाती है, गर्म शिला पर पड़े तो वाष्प हो जाती है, सर्प के मुंह में पड़े तो विष, खेतों में पड़े तो हरियाली में बदल जाती है। बूंद तो वही बारिश की है लेकिन अपने कर्मों के चयन के अनुसार उसकी नियति तय होती है। |
33.
सूर्य का अस्त होना, ज़िंदगी की आस का ख़त्म होना नहीं होता, बल्कि अगले सूर्योदय तक ख़ुद की रणनीति को तैयार करने का सम्भावित समय होता है। |
34.
काली अंधेरी रात के बाद सूर्य का निकलना इस बात का सूचक है कि जीवन में ख़त्म होने और देर होने जैसा कुछ नहीं है आप जहां से चाहे नई शुरुआत कर सकते हैं। |
35.
अपनी खुशियों और दुखों की चाभी किसी और के हाथों में न दें। भगवान ने आपको अपने निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र रूप से बनाया है। |
36.
जब सुबह जगें तो सबसे पहले ईश्वर को धन्यवाद कहें, फिर अपने शरीर को उसके बाद इस प्रकृति को आभार व्यक्त करें। ये क्रिया प्रतिदिन करें । |
37.
जब सवेरे जगे तो ख़ुद से एक वादा करें जैसे आज किसी पर भी गुस्सा नहीं करना है। सबसे खुश होकर मिलना है। ये ख़ुद को यकीन दिलाये कि आप ख़ुशदिल हैं । इस बात को ध्यान में रखें। |
38.
स्वयं में धारणा बनाये कि ईश्वर का आशीर्वाद और स्नेह सदैव आपके साथ है। इससे मन सकारात्मक ऊर्जा से ओतप्रोत रहेगा। |
39.
परिस्थिति सदैव पर अर्थात दूसरे की बनाई गई स्थिति है। इससे घबराने की जगह इसे धैर्य पूर्वक स्व अर्थात अपनी स्थिति बनाएं। |
40.
सुबह के समय कुछ समय परमात्मा के ध्यान में दें। योग और प्राणायाम करें । सदैव प्रसन्न और शांत रहने का यही मूलमंत्र है। |
41.
ब्रह्मुहूर्त में जागने की कोशिश करें।जैसे इंटरनेट इस समय तेज चलता है । शहरों में सड़के व्यस्त न होती। वैसे ही सकारात्मक सोच भी बिना किसी अवरोध के प्रभावी होती हैं। |
42.
ब्रह्मुहूर्त में जागने को लक्ष्य न बनाये इसके लिए रात्रि में जल्दी सोने पर ध्यान केंद्रित करें। |
43.
कितना सरल है आसमान सा विस्तारित होता , बस मन को अहंकार से विहीन रखने की जरूरत है। |
44.
धरती से सीखिए सहनशक्ति, कैसे हल और कुदाल को सहकर भी खेतों को लहलहाती फसल देती है। |
45.
कभी पक्षियों को देखा है, उन्हें देखिये वो अपने बच्चों को तभी तक पालते हैं जब तक वो उड़ना नहीं सीख जाते उसके बाद उन्हें स्वतंत्र छोड़ देते हैं। क्योंकि पक्षी वर्तमान बनाते हैं। मनुष्य भविष्य को संजोने में आज को भूल जाते हैं और जीवनभर भार बनकर रहते हैं। |
46.
जैसे परिवार की देखभाल करते हैं ठीक उसी तरह से प्रकृति का भी ख़्याल रखिये। क्योंकि दोनों की छांव में ही जीवन की सम्पूर्णता है। |
47.
मोर को नाचते देखा है कभी, वो कभी किसी को दिखाने के लिए मस्त मगन नहीं होता वो बस बादलों को देखता है। उसी तरह से अपनी कला का प्रदर्शन केवल किसी को खुश रखने के लिए नहीं अपने मन को खुश रखने के लिए करें। |
48.
कभी चुपचाप से खुले आसमान के नीचे बैठिये ईश्वर के बनाये रंगों से भरे कैनवास को देखिये। जब ईश्वर ने प्रकृति को फ्री में इतने रंग दिए हैं तो आप क्यों बेरंग ज़िंदगी जीये जा रहे अपनी ज़िंदगी के कैनवास पर अपनी खुशियों के रंग बिखेर दीजिये।। यही समय है रंगों को जीने का। |
49.
रुका हुआ पानी कीचड़ बनता है, जबकि बहता पानी मीठी झील, कुंठित ज्ञान अहंकार में बदलता है, जबकि बांटा गया ज्ञान मनुष्य को प्रसिद्ध बनाता है। |
50.
सुबह जागने के बाद सबसे पहले ईश्वर को सुप्रभात करें। सुबह उठते ही परमात्मा से जुड़ने का सबसे अच्छा मौका है। |
51. जिस काम को शुरू करें उसे ख़त्म जरूर करें इसकी शुरुआत सुबह जागते ही अपना बिस्तर सही तरीके से लगाने से करें।। जैसे जैसे सिलवटें सीधी होंगी मन के झंझट भी दूर होंगे। |
52.
किसी को उसके रंग रूप पर जज न करें कोयल काली होकर भी सुरीली है तोता सुंदर होते हुए भी दूसरों की नकल उतारता है। |
53.
रोज ही मन को साधने के प्रयास करें यदि कठिन लगे तो शुरुआत में 5 मिनट ही ध्यान लगाने की कोशिश करें। |
54.
स्वयं को माफ़ करें, दूसरोको भी माफ़ करें । ये स्वयं से प्रेम करने का पहला मूलमंत्र है। |
55.
निराशाओं के काले बादल जब घिरें तो याद रखिये कि हवाओं का रूख़ बदलने वाला है क्योंकि काले बादल बारिश नहीं करते और तेज हवाओं के सामने उनकी कोई कीमत नहीं है। इसलिए शांत होकर अपने काम के प्रति प्रयत्नशील रहिये। |
56.
मन के अथाह सागर का हमेशा मंथन करें । हर समस्या का समाधान यहीं छिपा हुआ है। |
57.
जब कोई नेक काम शुरू करेंगे तो बहुत सी बाधाएं आती है घबराइए नहीं समुद्र मंथन में पहले विष ही निकला, फिर अमृत कलश निकला था। |
58.
प्रकृति सदैव किसी न किसी माध्यम से संदेश देती रहती है बस जरूरत है तो मन को स्थिर रखकर उस संदेश को समझने की। |
59.
सुबह उठते ही ख़ुद से तब तक कहे कि मैं खुश हूँ मैं आत्मविश्वासी हो जब तक कि एक आत्मविश्वास की मुस्कान चेहरे पर ना आ जाये। |
60.
याद रखें क्रोध केवल बीमार इंसान को सबसे अधिक आता है तो अगली बार जब किसी को क्रोधित होता देखे तो उस पर क्रोध करने से पहले ये जरूर सोच लें कि वो बीमार है उसे इलाज़ की जरूरत है। |
61.
एक छोटे बच्चे से ज्यादा कोई और सकारात्मक नहीं हो सकता इसलिये यदि घर में कोई छोटा बच्चा है तो उसके साथ कुछ समय जरूर बिताएं। और अपने मन के भीतर के बच्चे का भी कभी न छोड़े क्योंकि कभी कभी कुछ समस्याओं का समाधान बड़प्पन में नहीं लड़कपन्न में मिलता है। |
62.
शीतल हवाएं शरीर को सुख देती हैं लेकिन गर्म वायुदाब बारिश का सूचक है । बारिश के बाद ही शीतल वायु का आनंद मिलता है। जब कठिनाइयों का दौर हो समझ लीजिए अब सुख के दिन आने वाले हैं। |
63.
पेड़ कभी भी अपने सूखे पत्तों के गिर जाने का शोक नहीं मनाते वो नए पत्तों के आने का स्वागत करते हैं। मनुष्य को भी इसी तरह से बीते हुए कल से ज्यादा आज में रहने की जरूरत है । |
64.
जब भोजन करें तो उसका स्वाद लेते हुए किसानों और किचन में खाना बनाने वालों का आभार व्यक्त करें । इससे भोजन भी अमृत बन जाता है।
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65.
भोजन पकाते समय सकारात्मक रहिये खुश रहिये उस काम को भी भार न समझिये इससे भोजन करने वालों में भी प्रेम बढ़ेगा। |
66.
सोने से पहले एक अच्छा विचार मन में लाएं इससे जब आप जागेंगे तब मन तरोताजा बना रहेगा। |
67.
मन में नए विचार लाने के लिए पुराने विचारों का परित्याग करने की जरूरत होती है इसके लिये खुली हवा में बैठकर ख़ुद ध्यान लगाते हुए पुराने विचारों को त्याग करते हुए ख़ुद को ब्रह्मांड को सौंप दें। नए विचार पुनः मन मे उत्पन्न होने लगेंगे। |
68.
मनुष्यों को अपने कर्मों के फल जरूर मिलते हैं। ठीक उसी तरह जैसे भीड़ में खोई हुई बछिया अपनी ही माँ को पहचानकर उसके पास लौट आती है। |
69.
हमेशा मदद के लिए हाथ बढ़ाइए । मदद करने वालों हाथों पर सदा ईश्वर की कृपा रहती है। |
70.
ख़ुद के मन को धरती सा सहनशील और आसमान से विस्तृत बनाइये समस्त ब्रह्मांड की शक्तियों को ख़ुद में पहचानने की कोशिश करते रहिए। |
71.
ख़ुद को विशाल और सीधा खड़ा वृक्ष बनाने से बेहतर है छोटा फलदार और छांव वाला वृक्ष बनाये, कम से कम ये वृक्ष किसी भूखे को भोजन और किसी पथिक को छांव देने के लिए तो प्रभावी होते हैं। |
72.
सोच एक बीज के समान है जबकि सोच का प्रभाव एक वृक्ष के समान ।हम बीज को साफ सुथरा रख सकते हैं। लेकिन वृक्ष की प्रत्येक पत्तियों को नहीं। इसलिये स्वच्छ और सकारात्मक सोच रखकर सकारात्मक रूप से उस सोच का नित्य निरीक्षण और परीक्षण करते रहने की जरूरत है। |
73.
हमें प्रकृति का सदैव ऋणी रहना चाहिए। प्रकृति से जो कुछ भी मिलते रहता है, उसे भी लौटाने की कोशिश करते रहनी चाहिए। इसकी शुरुआत साफ सफाई और पौधे लगाने से करनी नैतिक जिम्मेदारी होनी जरूरी है। |
74.
अपने जीवन में कम से कम एक पीपल, एक बरगद, एक नीम , एक आम जैसे वृक्षों का वृक्षारोपण करने की नैतिक जिम्मेदारी जरूर होनी चाहिए जिससे हमारे बाद भी हमारी पीढ़ी हमें याद करती रहे। |
75.
सुबह की लालिमा, क्रिकेट बैट-बॉल, एक टीम और क्रिकेट के लिए खुला मैदान। बस इतनी सी तो है खुशियों की पहचान। |
76.
सुबह आंगन के किसी कोने में एक कप चाय, अख़बार के पन्ने और अपने जीवनसाथी का साथ, ढलती उम्र में इतना ही तो प्यार चाहिए। |
77.
ब्रह्मुहूर्त में मन्दिर में कहीं घण्टियों की आवाज, कहीं गीता का ज्ञान, कहीं गुरुवाणी चले कहीं बाइबल और अज़ान। हिन्दुस्तान की यही तो है पहचान। |
78.
सुबह सुबह किसी एक पार्क में जुट जाएं अधेड़ उम्र के दोस्त, कुछ बच्चे और कुछ जवान। खिलखिलाते हुए बात चीत भी हो और टेंशन का दूर तक भी न हो किसी को ध्यान। |
79.
भोर की बेला,साथ प्रभु भक्ति का,मन को किया शांत,ध्यान लगाया शक्ति का। |
80.
बारिश के पानी से जैसे धरती पर जमी धूल की परत हट जाती है। उसी तरह से किसी गलती को माफ़ कर देने से और किसी गलती पर माफ़ी मांग लेने से मन पर जमी गलतफहमी की धूल भी मिट जाती है। |
81.
नींद खुलते ही उन सभी के लिये प्रार्थना कीजिये जो इस समय बीमार हैं, दुख में हैं और अच्छा- बुरा सोचने समझने का अंतर नहीं समझ पा रहे। |
82.
किसी से न कहिये कि ज़िंदगी ख़राब है, सुबह ख़राब हो गई , हमेशा ये कहिये कि परमात्मा की शक्ति आप के साथ है। |
83.
घर में कुछ पौधे जरूर लगाएं,रोज उनसे बात करें। सुबह सुबह उन्हें जरूर देखें। आपको ये जरूर अनुभव होगा कि एक सकारात्मक बदलाव आ रहा है। |
84.
तितली देखी है कभी, तितली के तितली बनने की पूरी प्रक्रिया देखिये। पहले अंडे से प्यूपा बनता है , प्यूपा से इल्ली उसके बाद आस पास के कीटों को खाकर वो तितली बनती है। इसी तरह जीवन है। थोड़ी देर से ही सही लेकिन संघर्षों के बाद ही जीवन खूबसूरत होता है। |
85.
इंतज़ार का फल मीठा होता है बशर्ते कि इंतज़ार के साथ सही दिशा में मेहनत होती रहे। |
86.
विद्यार्थियों के लिए जरूरी है सुबह ही जागना क्योंकि उस समय सब कुछ शांत होता है। और मन विचलित हुए बग़ैर केंद्रित किया जा सकता है। |
87.
बांस सबसे देर से पनपने वाला पेड़ है ।कभी कभी उसे होने में 5 से 10 साल भी लगते हैं। लेकिन उनमें सब्र होता है । वो अपनी जड़ें मजबूत करते हैं फिर एक दिन अचानक वो इतने तेजी से बढ़ते हैं कि आसपास के सारे पेड़ छोटे पड़ जाते हैं। इसलिए सफलता से ज्यादा नींव को मजबूत करने के बारे में काम करने की जरूरत है। |
88.
जागने के बाद ही सबसे पहले गैजेट्स से दूरी बनाइये। गैजेट्स ध्यान भटकाते हैं। ख़ुद को महसूस कराइये कि प्रकृति कितनी खूबसूरत है! |
89.
ज़िंदगी खूबसूरत है। मैं एक साहसी आत्मा हूँ। आज मुझे पूरा दिन खुश रहना है । ये बात दिन भर दोहराते रहिये । ख़ुद से प्रेम करने का सबसे सरल तरीका है। |
90.
किताब में छिपने की कोशिश, नज़रें टिकी होती हैं रसोई में। कब माँ लेकर आएंगी लज़ीज़ परांठे,नाश्ते में। |
91.
भावनाओं के अतिक्रमण से बचें। अत्यधिक बारिश भी बाढ़ की सूचक होती है। |
92.
जो जैसा है, उसको वैसे ही एक्सेप्ट करो। किसी को बेवज़ह बदलने की कोशिशें रिश्तों में उलझनें बढ़ाती हैं। |
93.
संगीत प्रेमी कौन नहीं होता, संगीत हर भाव को व्यक्त करने का सबसे अच्छे माध्यमों में एक है। जब कुछ न समझ आये तो अपने पसंदीदा संगीत को सुनें। |
94.
रेडियो पर भोर का संगीत, तुलसी के पौधे में जल देती एक माँ,बच्चों को प्यार से जगाते दादी, दादा और ऑफिस के लिए तैयार होते एक पिता। ऐसा ही तो होता है ना एक प्यारा सा परिवार। |
95.
जहां रिश्तों में प्यार की मिठास और छोटी छोटी नोंकझोंक का तड़का न हो । उन रिश्तों में फिर कोई नयापन न रह जाता। |
96.
इस संसार में यदि आप किसी को अपने अनुसार प्रेम कर सकते हैं , चला सकते हैं तो वो केवल आप स्वयं ही हैं। किसी को प्रेम करने के लिये उसे बदलने की कोशिश सर्वदा अनुचित है। |
97.
प्रतिदिन स्वयं से बात कीजिये। जिन बातों पर दुख होता है चिढ़ होती है उन्हें एक कागज पर लिख कर जला दीजिये। जिन पर खुशी होती है, उन्हें लिखकर फिर से पढ़िए। मन स्वस्थ बना रहेगा। |
98.
बारिश की बूंदें पड़ी सूखी जमीं पर। सौंधी खुशबू से नाच उठा मन। |
99.
स्वयं को समय दें, परिवार को समय दें ,अपने काम को समय दें। इस क्रम को बिगड़ने न दें। आप हैं तो सब हैं। |
उम्मीद करती हूँ कि सुप्रभात पर शायरी से आपको ताज़गी का एहसास होगी। Comment Section में मुझे ज़रूर बताएं कि कौन-सी शायरी आपको सबसे ज़्यादा पसंद आई।