विश्वास पर सुविचार हर रिश्ते की गहराई और मज़बूती को ज़ाहिर करते हैं। ये अपनेपन से बंधे बहुत नाज़ुक होते है।  

भरोसा कोट्स और भरोसे पर कविताएं ऐसे ही अनकहे जज़्बातों से बानी है, जिन्हें अक्सर कहना मुश्किल होता है। 

मैंने इस संकलन में विश्वास पर कविता के साथ-साथ भरोसा शायरी को शामिल किया है, जिन्हें आप कभी भी Share कर सकते हैं। 

विश्वास पर सुविचार | Messages To Celebrate The TOGETHERNESS

आइए विश्वास पर स्टेटस पढ़ना शुरू करते हैं –

1.

हमने तुम्हारा हाथ मांगा था,

जिंदगी भर का साथ मांगा था

मांगा था थोड़ा-सा प्रेम,

थोड़ा-सा भरोसा मांगा था

जो तुमने किया आघात,

वो कहांँ मांगा था।

 

2.

प्रेम का एक आधार,

एक दूसरे पर ऐतबार।

 

3.

ऐतबार हमने अपनी दोस्ती पर है इतना,

खुदा की खुदाई पर हो जितना

न पूछे कोई हम करते हैं प्रेम कितना,

जितना समंदर में है पानी उतना।

 

4.

यकीन है हमें कायनात पर,

मौसम वो ज़रूर बदलेंगी

फिर फूल खिलेंगे चमन में,

पेड़ों पर चिड़िया चहकेंगी।

 

5.

तुम्हारे यकीन पर यकीन था हमें,

तुमने यकीन तोड़कर यकीनन,

हमारा यकीन तोड़ दिया।

 

6.

खुदा कभी किसी का,

साथ नहीं छोड़ता

एतबार तो करो बंदों।

 

7.

विश्वास है तो रिश्ता है,

रिश्ता है तो विश्वास है।

 

8.

डोर विश्वास की कच्ची है,

पर रिश्ता पक्का रखती है।

 

9.

विश्वास तोड़कर तुम माफी मांगते हो,

विश्वास पर रिश्ता टिका था हमारा

तुम उसकी नींव को हिलाकर,

इमारत की बुनियाद मांगते हो।

 

10.

विश्वास काटों पर होता है गुलाबों को,

कि वह सुरक्षा करेंगे उनकी उम्र भर

तभी तो खिलते हैं वह गुलशन में बेखौफ,

मौसमों का जोर कहांँ चलता है उन पर।

 

11.

एक विश्वास होता है चींटी को खुद पर,

मकड़ी ने बनाया जाल विश्वास ही तो है

बच्चे विश्वास पर मां-बाप के उँगली पकड़,

रखते हैं पहला कदम जमीन पर

हर बंदे को है विश्वास ईश्वर पर,

कि उसका अंधेरा उजाले में बदलेगा

जिंदगी चलती है सिर्फ विश्वास पर।

 

12.

यकीन है मुझे अपनी,

पाकीज़ा मोहब्बत पर

एक दिन वह तेरे दिल में,

मेरी जगह बना लेगी।

 

13.

बड़े विश्वास से थामा है,

तुम्हारा हाथ हमदम कि

तुम मुझे तूफानों में भी,

साथ दोगे हरदम।

 

14.

तूफानों में जलते हैं चिराग,

खुदा पर यकीन हो तो।

 

15.

वो मेरे विश्वास को रौंदकर,

उफ्फ नहीं करते और हमें

आज भी उनके आघात पर,

विश्वास नहीं होता।

 

16.

हर बच्चे को विश्वास है कि,

जब पिता ने उछाला है उसे हवा में 

वो थामेगा उसे ज़मीन पर गिरने से पहले।

 

17.

पतझड़ के बाद बहार आएंगी ज़रूर,

एतबार है इसलिए गुलों के हौंसले

डगमगाते नहीं।

 

18.

उस दोस्त पर एतबार कर,

मैं अपना दर्द बाँटता था

दिल के टुकड़े हुए,

जब उसने मेरे दर्द को

अखबार बना दिया।

 

19.

अभी तक यकीन नहीं आता कि,

मेरे साथ उसने मज़ाक किया

जिसको हमराज़ समझा था,

उसी ने दर्द का इश्तेहार किया।

 

20.

हमें विश्वास था कि वह,

हम को कभी दर्द नहीं देंगे

मोहब्बत करें ना करें,

ज़िंदगी भर का मर्ज़ नहीं देंगे

निभा लेंगे इंसानियत का ही रिश्ता हम से,

दिल दुखा लेंगे पर रुह पर ज़ख्म नहीं देंगे।

 

21.

शाम आती है सूरज के आने का,

संदेशा लेकर और उस पर विश्वास कर

हम अंधेरी रात गुज़ार देते हैं।

 

22.

गरीब तत्परता ओढ़कर,

फुटपाथ पर सो गया

इस यकीन पर कि अमीर गाड़ी,

सड़क पर चलाएंगे

पर जो सपने में भी नहीं सोचा था,

वह हो गया।

 

23.

भौंरा इंतज़ार करता है,

कली के गुलाब बनने का

गुलाब को यकीन होता है कि,

वह ज़रूर आएगा।

 

24.

धरौंदे रेत के बनाकर साहिलों पर,

हम सागर की लहरों पर विश्वास कर बैठे।

 

25.

विश्वास की होगी बरसात इस बार तो,

किसान ने खून पसीना एक कर दिया

फिर न बादल आए न बरसात हुई,

इस बार भी किसान के यकीन की हार हुई।

 

26.

विश्वास ईश्वर पर करो पर,

हाथ पर हाथ धर ना बैठो

उसने भी तो तुम्हारे कर्मों पर,

विश्वास किया है।

 

27.

हर दुख के बाद,

सुख दरवाज़ा खटखटायेगा

इसी यकीन से पास ही,

चारपाई बिछाई है हमने।

 

28.

हमें आज भी विश्वास है,

अपनी मोहब्बत पर

वो हमें आज भी,

किसी और का होने नहीं देगी।

 

29.

खुद पर विश्वास ज़रूरी है,

इस अविश्वासी दुनिया में

तभी तो उड़ान भरोगे तुम,

स्वच्छंद होकर नीले नभ में।

 

30.

ज़माना तुम्हारे विश्वास पर,

रोज़ चोट करने की कोशिश करेगा 

हौंसला बुलंद रखना होगा,

फौलाद-सा दृढ़ निश्चय रखना

अपना आत्मविश्वास कायम रखना।

 

31.

यकीन इस कदर था उसकी वफ़ा पर कि,

हम दिल-ओ-जान लुटा बैठे

होश में आए तो देर हो चुकी थी बहुत,

हम तब तक अपना सब गवां बेठे।

 

32.

बड़े नाज़ों से जो पाला था,

दिल मुद्दतों से

उसके यक़ीन पर पल भर में,

उसको दे दिया।

 

33.

मेरी परवरिश पर मुझे था,

भरोसा अब तक

जिस दिन घर से औलाद ने,

बेदखल किया

भरोसा भी बेघर हो गया,

मेरे साथ हमेशा के लिए।

 

34.

रोए बहुत बंजर जज़्बातों को,

हरा करने के लिए हम

सावन पर कब तक भरोसा करते।

 

35.

हर इंसान में ईश्वर का घर है,

अगर इस सच पर यकीन आ जाए

मिट जाए अमीरी-गरीबी की दुनिया,

छल, कपट, धोखा देना

सभी भूल जाए,

हर बंदे के दिल में प्यार आ जाए।

 

36.

भरोसा उसको हमारी,

वफा पर है इतना कि

उसकी बेवफाई को भी,

वफा से निभायेंगे हम।

 

37.

यकीन करके कि इस सावन तो,

तुम्हारा जरूर आना होगा

हमने झूले टांग दिए,

आम के पेड़ की डाली पर।

 

38.

तुमको इल्जाम देकर,

मोहब्बत की तोहीन न करेंगे

जब वक्त हमारा नहीं,

किस्मत विश्वासघात कर गई तो

हम प्रेमी फिर क्या करेंगे।

 

39.

खुदा पर विश्वास रख कर कदम बढ़ाए जा.

फल की चिंता न कर कर्म किए जा

डूबेगा नहीं मझधार में भी तू कर भरोसा,

गहरे पानी में उतर कर मोती पाए जा।

 

40.

तेरे भरोसे पर जीवन अपना सौंप दिया,

अब तू पार लगा या डूबो दे मुझे

तुझसे हर गम हर खुशी है पिया।

 

41.

मेरे यकीन पर यकीन कर मेरे दोस्त,

मैं तुझे तूफ़ानों में भी अकेला नहीं छोडूंगा

भले ही डूब जाऊं मैं खुद सुनामी में,

पर तेरा हाथ किसी विपदा में नहीं छोडूंगा।

 

42.

चोट मोहब्बत की वो देकर चल दिए,

फिर आएंगे वो घाव कुरेदने यकीन है मुझे।

 

43.

आँख मूँद कर किसी पर विश्वास न करो,

सूझ-बूझ से काम लो फिर जानकारी साझा करो।

 

44.

नया दौर है नयी सोच आजमाओ,

अंधविश्वास की काली पट्टी खोलो

विज्ञान और प्रौद्योगिकी पर विश्वास करो।

 

45.

इतने अच्छे कर्म करो कि लोग विश्वास करे,

दिलों को जीत लो काम कुछ खास करे।

 

46.

विश्वास खुद पर और ईश्वर पर करो यारों तो,

मुट्ठी में कैद कर लोगे जहां को तुम

हर कदम विश्वास से रखता है जो,

वो जो राह चुनेगा वो मंजिल तक पहुंचा देगी।

 

47.

विश्वास तेरे इश्क पर आज भी करते हैं हम,

किसी रोज़ तो मेरी गली का रुख करोगे तुम।

 

48.

बादलों पर विश्वास करके माली ने,

ज़मीन पर अपना सब कुछ लगा दिया।

 

49.

इस विश्वास पर कि वो अपना एक वादा तो निभाएंगे,

हमने दिल तक आने के रास्ते उनके लिए खोल रखे हैं।

 

50.

सफर भले ही लम्बा हो विश्वास किजिए,

मंजिल तक आज नहीं तो कल पहुंचा देगा।

 

51.

जंग जीतने से भी ज़्यादा मुश्किल है,

 किसी के विश्वास को जीतना और

उसको कायम रखना,

सबसे बड़ी काबिलियत है।

 

52.

है भरोसा अगर किसी को तुम्हारे ऊपर,

उसके भरोसे पर खरे उतरना जरूरी है।

 

53.

खुद पर भरोसा नहीं करेंगे तो ज़माना क्यों करेगा,

अपने को मान-सम्मान नहीं देगें तो गैर क्यों करेगा।

 

54.

मेरे भरोसे को टुकड़ा-टुकड़ा कर के चल दिये,

उन्हें नहीं पता कितनी नायाब चीज़ खोई है

न मिलेगा हमारे जैसा रिश्ता निभाने वाला,

दुनिया का उसूल है कि काटेंगे वहीं जो चीज़ बोई है।

 

55.

यकीन उस पर हुआ तो अफसाना बना,

फिर दिल तोड़ा तो दुनिया के लिए फसाना बना

पर हमारे लिए जिंदगी भर का गम दे गया,

मुसलसल दर्द का वह ठिकाना बना।

 

56.

दिल तोड़ कर उसने यकीन भी तोड़ दिया
दोराहे पर लाकर जीवन को छोड़ दिया
कोई पूछे उनसे ऐसा हमने क्या किया
जो ऐसी सजा दी कि जिंदगी भर का दर्द दिया।

 

57.

छोड़ दिया गुलशन को मौसमों के भरोसे पर
रुख हवाओं ने बदला तो बुरा मान गए।

 

58.

भरोसे की नाजुक डोर पर टिका होता है हर रिश्ता निभाने वाले कयामत तक निभा जाते हैं
और ना निभाने वाले वक्त को दोष देते हैं।

 

59.

कपड़े की तरह तार-तार हो गया हमारा भरोसा
उसने जैसे ही बेईमानी का तेजाब डाला।

 

60.

भरोसे के पेड़ पर अविश्वास की कुल्हाड़ी मारते हैं कोहीनूर सा बहुमूल्य है रिश्ता वह कहां जानते हैं।

 

61.

धोखा देकर उनको क्या मिला
हमारे भरोसे का यह सिला दिया
ना अब करेंगे उनसे शिकवा गिला
ना देंगे किसी को दिल, फैसला किया।

 

62.

नारी जरा सा कर भरोसा अपने पंखों पर
ऊँचे अंबर में एक उड़ान भर कर तो देख
तू अपने सपनों को साकार करके तो देख।

 

63.

अविश्वास हो मन में तो क्या पाओगे
विश्वास से हर कदम रख पाओगे
तभी तो सफर जिंदगी का तय करोगे
मंजिल तक जल्दी पहुंच जाओगे।

 

64.

कुबूल जो किया है खुदा ने हमारा इश्क
वो मुकम्मल भी करेगा यह भरोसा है।

 

65.

भरोसा पेड़ पर रखकर पंछी
अपने बच्चों को घोंसले
में अकेला छोड़ कर
लंबी दूरी तय करते हैं
क्या इंसान भी इतना
भरोसा करते हैं ?

 

66.

भरोसा करो ना एक बार हमारी मोहब्बत पर
एक बार दिल में जगह देकर तो देखो!
ना कभी दुखाएंगे आपको हुजूर
तुम एक बार हमें आजमा कर तो देखो।

 

67.

एक उसके यकीन कर दुनिया से बगावत की है
दुआ करते हैं कि खुदा यकीन को सलामत रखे
आखिर हमने जो आफरीन मोहब्बत की है।

 

68.

है भरोसा हमको खुदा की अजमत पर
वह हमारी जिंदगी जल्द ही रोशन करेगा
मुश्किलें पहाड़ सी जो आ खड़ी है
वह हवाओं का रुख बदलकर, रुखसत करेगा।

 

69.

उस के भरोसे पर छोड़ दी दुनिया
अब वह हमें छोड़ दे तो हम कहां जाएंगे
मर्ज इश्क का नहीं होता तो चारागर को ढूंढ लेते
हम मोहब्बत के बीमार हैं दर्द किसको दिखाएंगे।

 

70.

उसके भरोसे पर यकीन उठा नहीं मेरा अब तक
वह चोट दिल पर करता है, पर भरोसा कायम है।

 

71.

उस सितमगर ने मेरे भरोसे का उड़ाया है मजाक
मेरी दौलत लूट लेता, तो कोई बात नहीं होती।

 

72.

यकीन है हमारी किस्मत पर हमको आज भी पूरा
वह मिलेंगे ख्वाबों में तो हमसे,जिंदगी में भले ही नहीं।

 

73.

मेरी आस्था का देखो तो असर दुनिया वालों
मैं पूजा नहीं करता पर फल मिल जाता है।

 

74.

जिस के विश्वास पर कायम है दुनिया सारी
उस पर इंसान को भरोसा क्यों नहीं होता
जरा किस्मत बदलती है तो हम तोहमत लगाता है
उसकी इनायत के लिए इंतजार क्यों नहीं करता।

 

75.

शमा क्या नहीं करती पतंगों से मिलने के लिए
इस विश्वास पर कि वो आएंगे वह जला करती है।

 

76.
मेरे विश्वास की तोहीन करके तुम्हें क्या मिला
जब कोई भरोसा तुम्हारा तोड़ेगा तो समझोगे तुम
बेशकीमती है यह दौलत, बाजारों में कहां मिलती है
तुम खुशनसीब हो कि तुम पर कोई भरोसा करता है।

 

77.
यकीन उसको था हम पर और हमको भी था
वक्त ने बेवफाई की तो हम प्रेमी क्या करते
कदम – कदम पर शिकस्ता हुई हमारी मोहब्बत
बहार आने से पहले फिजा आई तो हम क्या करते।

 

78.

इस यकीन पर कि सावन का भी वक्त होता है
हमने गीली मिट्टी के सपनों को सूखने रख दिया।

 

79.

हमें यकीन था रात आएगी तो चांद भी आएगा साथ में
भूल गए कि एक अमावस्या की रात भी तो होती है।

 

80.

भक्ति में उनकी जहर का प्याला पी गई मीरा
उसके भरोसे पर कान्हा ने जहर को अमृत किया।

 

81.

दिल तोड़ दो भले ही किसी का
पर विश्वास कभी मत तोड़ो
दिल बहलाने के तरीके बहुत मिलेंगे
पर विश्वास कायम करने का नहीं 

 

82.

इस यकीन पर इंतजार किया कि मुलाकात होगी
हम हाल ए दिल जताएंगे और कुछ बात होगी
ना वो आए, ना उनकी कोई खबर आई
अभी भी यकीन है हमको कि जरूरी कोई बात होगी।

 

83.

इस यकीन पर की अश्क सूख जाएंगे कभी तो
हम पूरी शब चांद के साथ गले मिल कर रोए

 

84.

इस यकीन पर कि दिल का दर्द कुछ हल्का तो होगा
अश्क बहाए हमने, अब पलकों का दर्द ज्यादा है।

 

85.

वह यकीन तोड़ कर हम से माफी की उम्मीद करते हैं
कोई उनसे पूछे, जो टूट गया वह किस बाजार में मिलेगा।

 

86.

कहते थे वह के ख्वाबों में तो तशरीफ लाएंगे
अश्कों को रोक लेते तो आखों में ख्वाब आते
मालूम में इस बात पर भी हमें गुनहगार ठहराएँगे।

 

87.

कोई खिलौना होता तो तोड़ देते हम
तुझ पर जो यकीन है उसे कैसे तोड़ें।

 

88.

आएगा फिर तुमसे मुलाकातों का जमाना
जमाने पर यकीन नहीं, पर तुम पर तो है 

 

89.

जमाने ने विश्वास को तोड़ा है हमारे कई बार
पर तुम से तो यह उम्मीद नहीं थी हमसफर मेरे।

 

90.

कभी तो याद कर लिया करो हमको भी तुम
हमें भी यकीन होगा, कभी तुमको हमसे इश्क था।

 

91.

चांद ने चांदनी बिखराई है, तारों ने बारात सजाई उन्हें यकीन है कि आज तुमसे मुलाकात होगी।

 

92.

दूसरों की बातों पर यकीन कर हमसे दगा करते हो
यह नहीं जानते कि इश्क का दूसरा नाम यकीन है।

 

93.

भरोसा हो चला है हमें अपनी किस्मत पर
इस जन्म में तो नहीं, अब तुमसे मुलाकात होगी
इसलिए शायद जहां को छोड़ने की जल्दी है हमें
पर यह नहीं पता था कि मौत भी बेवफा होगी

 

94.

हम खुदा की चौखट पर सजदे करने में नहीं चूकते हमें यकीन है कि वह तुमको सलामत रखेगा
मुकम्मल ना हुई मोहब्बत तो क्या हुआ
हमारा इश्क तो दिलों में कायम रखेगा।

 

95.

उसकी दुनिया से यकीन उठता है
फिर भी उठाता नहीं मुझे
बस यह गम है मुझे।

 

96.

बड़ी हिफाजत से रखना किसी का यकीन तुम
किसी ने चुरा लिया तो रपट भी नहीं होगी।

 

97.

मेरे गुनहगार को आज भी यकीन है मुझ पर
कि हम उसकी बेवफाई का सिला वफा से ही देंगे।

 

98.

बेज़ान से जिस्म में मद्धम धड़कन चलती है
हमें यकीन है कि वह मौत को आने नहीं देगी।

 

99.

वो रोज मेरे विश्वास की चिता जलाते हैं
और साथ में मेरा प्रेम धू – धू करके जलता है।

उम्मीद करती हूँ कि विश्वास पर शायरी ने आपको सोचने पर मजबूर किया होगा। Comment Section में मुझे ज़रूर बताएं कि कौन-सी शायरी आपको सबसे ज़्यादा पसंद आई।

Pooja Agrawal