पानी पर सुविचार, हमारे जीवन में इसके महत्व और अपने अनगिनत गुणों को दर्शाते हैं।
बात चाहें पानी पर पांच वाक्य की हो या फिर जल के योगदान की, इसके बिना जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती है।
बहुत से मुख्य अवसरों पर पानी पर स्टेटस Share करने की ज़रुरत पढ़ती है, तब मेरा यह अद्भुत संकलन आपके काम आएगा।
पानी पर सुविचार | Captions To Value The Nature’s GIFT
आइए पानी पर शायरी पढ़ना शुरू करते हैं –
1.
जल है जीवन
आओ करें
इसका संरक्षण
|
2.
जल बिन
इस संसार में
जीवन है अर्थहीन |
3.
जीने के लिए जल
है जरुरी हर पल
समझे हर इंसान |
4.
मानव का मीत
होता है जल
गर्मी हो या शीत
आओ करे संचित |
5.
जल हर प्राणी का
जीने का है आधार
जल बिना जीना
सोच से है बाहर |
6.
यदि हो शरीर में
जल का अभाव
दिखाई देता है
इसका बुरा प्रभाव |
7.
पौधों को पोषत
करता है जल
समय पर मिलता
विविध फल |
8.
सांसे लेता पौध जब
जल से होता है सिंचित
खिल उठता मधुबन तब
रंग बिरंग फूलों से सजकर |
9.
जल जीवन में
बहार लाता है
जल बचाओ
जीवन पाओ |
10.
समुंदर सी गहराई है
तुम्हारी आखों में
डूब जाने का दिल करता है
तेरी बाहों में। |
11.
मन मेरा समुंदर सा
है गहरा
मत लगाओ पहरा |
12.
शिकायत क्यों कर है मुझसे
मैं समझ नहीं पाई
जीना शुरु हुआ था तुझसे
आंखें समुंदर क्यों बन गई |
13.
यादों में तुम आज भी
मेरे दिल के करीब हो
चाहे सपने बिखर गए
पर इन लहरों को देखकर
उमड़ी है क्यों तुम्हारी यादें |
14.
तुम्हें याद है हमदोनों एकदिन
इसी समंदर के किनारे बैठकर
इन लहरों को निहारा करते थे
पर आज हम अजनबी बन गए |
15.
देख कर सागर की उफनती लहरे
आज भी सवाल करती है मेरी निगाहे
आखिर क्यों छली गई हूं मैं यूं
जबकि संभलकर चले थे हम किनारे |
16.
सागर तुम बाहर से हो कितने शांत
अंदर लिए अनेको रहस्य
तुम्हें समझना भला कहां है आसां
फिर भी तुम्हारा है सुंदर दृश्य
|
17.
दूर क्षितिज पर सूर्योदय की बेला
नई भोर ने फिर से है उजाला बिखेरा
निरंतर बहता सागर है अपनी गति पर
सुनहरी किरणों से स्पर्श करता हुआ |
18.
समुंदर के बीचो-बीच
ढलने लगा है अब सूर्य
जैसे लालिमा बिखेर कर
वह कह रहा हो
आऊंगा कल मैं फिर। |
19.
यद्यपि दिल मेरा समुंदर सा गहरा है
अक्सर मुझमें भी उफान आता है
जब अधिक दवाब मुझ पे पड़ता है |
20.
समुंदर जीवन है
मछुआरों के लिए
तूफानी बेग से लड़ता वह
अपने परिवार के लिए |
21.
हिम्मत चाहिए
समुंदर बनने के लिए
समुंदर जीवन है
चुनौती भी है |
22.
समुद्र में मछलियां
फेकतें जाल मछुआरे
पेट भरने के लिए
मुस्कान बन खुशी ढूंढ़ते |
23.
तूफान का वेग
डगमगाता
उफान पर लहरें
प्रभु के सहारे |
24.
पानी से भरा हैं मेरा घर
समुंदर मैं कहलाता हूं
कोई मुझे देव कहता है
जीवन से मैं भरा हूँ |
25.
अद्भुत है
समुंदर की
रहस्यमय दुनिया
उसकी आगोश में आज भी
श्रीकृष्ण नगरी है द्वारका |
26.
समुंदर के गर्भ में
जब सूर्य समाता है
अलौकिक दृश्य आंखों में
तब कैद हो जाता है |
27.
आसमां के नीचे
नीलाभ समुंदर
आंखों को लुभा रहा है
मन ही मन के अंदर |
28.
जल वाष्प बनकर उड़ जाता है
मेघ बनकर धरा पर बरसता है
जल बिन जीवन संभव नहीं
जल ही जीवन को बचाता है |
29.
पानी है अमुल्य द्रव
जरुरत है बूंद-बूंद
पानी का संरक्षण करना
हमारा परम कर्तव्य |
30.
पानी बिन
जग है सुन
पानी है हमारा
अमूल्य धन
|
31.
हर प्राणियों के लिए
पानी है प्राण
पेड़-पौधों के लिए
है जीवन दान |
32.
वाष्प बन उड़ता हूं
बादल बन बरसता हूं
ठोस बन पर्वत पर
बर्फ भी बन जाता हूं |
33.
कभी बर्षा बन किसान का मित्र बनता हूँ
कभी फूलों को एक नया जीवन देता हूं
सुखे में हरियाली बनकर अपनी छाया से
धरती को हरित कर देता हूं |
34.
जहां हरियाली है
वहां मैं आता हूं
मेरे बूंद पाकर
मौसम हरा हो जाता है |
35.
साफ हूँ मैं दर्पण जैसा
प्यासे के लिए अमृत सा
बूंदों में मेरे भरा जीवन
किसानों के मुस्कान जैसा |
36.
पानी बिन जग सुना
उससे भरा है
शरीर का हर कोना |
37.
मैं धरा पर जब बरसता हूँ
किसान मुस्कुराता है
जीने की उम्मीद जगाता हूँ
फसल खिलकर हंसता है |
38.
मैं पानी हूँ
सबकी जरुरत हूँ
मेरा रूप अनेक है
फिर भी खुश हूँ |
39.
हां पानी मेरा नाम है
सबके लिए खास हूँ
मैं हूं तो हरियाली है
सबकी एक आस हूँ |
40.
अमृत समान होता है
स्वच्छ जल की एक बूंद
जिसे पीकर हम
कर लेते है कंठ को शुद्ध |
41.
जल बिन जीवन नहीं है आसान
जल ही जीवन को देता है पोषण
आओं बचाए जल को हम मिलकर
ऐसे करे सबका जीवन रौशन |
42.
पानी वाष्प रूप धारण कर
उड़ता है आकाश की ओर
मेघ बन वह उड़ता फिरता
कभी इधर से तो कभी उधर |
43.
वह जल ही क्या
जो प्यास न बुझाए
वह मीठा स्वाद ही क्या
जो कंठ को न भाए |
44.
यह सुंदर धरा बंजर हो जाएगी
यदि न पड़े यहां बारिश का पानी
बारिश की बूंदे गिरती है जब
चहूं ओर छा जाती है हरियाली |
45.
पानी बिना काम कैसा
क्या कभी तुमने है सोचा
हरएक की जरुरत पानी
जीवन के वरदान जैसा |
46.
समझ लो जीवन का सार है पानी
प्राणों के लिए अमृत की धार है पानी
पानी है जन जीवन का एक सहारा
उसके बिना न रहेगा जीवन हमारा |
47.
बूंद – बूंद से भरता सागर
बूंद की कीमत न समझी गर
वह बूंद महंगा पड़ जाएगा तब
कदर नहीं की अगर |
48.
जाने ये लहरे ले जाती कहाँ
देखों सूरज डूबता यहाँ
चाँदनी से सजा यह समुद्र
कहता कोई नई दास्तां |
49.
चंचल सी ये लहरे हैं
मन को शीतल करती है
क्रोध आए सुनामी सी
हरचल भी ये करती है |
50.
लहरों की बात करते हो
तुम मुझ से दगा करते हो
मन में तुफान उठाकर फिर
मुझसे ही इजहार करते हो |
51.
उछल रही हैं मन में लहरें
तरंग क्यों उठ रही है मेरे
चाहा तो था दिल से तुम्हें
फिर आज क्यों हो अकेले
|
52.
कैसा तुफां है तुम्हारे मन समुंदर में
क्यों रहस्य छुपाते हो मन के अंदर में
समझ नहीं पाती दिल की गहराई को
भावनाएं बहा ले जाते हो बवंडर में |
53.
तुफानों के हरेक वेग को मैंने झेल लिया
पर अपने अरमानों को कभी टूटने न दिया
चाहा तो था तुमने सागर के गर्भ में डूबोने की
मगर मैंने हौसले से जीने का फैसला किया |
54.
प्रोटीन से है भरा दाल का पानी
पी के देखो जरा कहती थी नानी
शरीर को विटामिन भी चाहिए
खाना खिला सुनाती थी कहानी |
55.
शरीर को चाहिए
जरुरत के शुद्ध जल
बीमारी भगाओं
खाओं मौसमी फल |
56.
माँ कहती पानी को उबालो
इसे कीटाणु मुक्त करो
शुद्ध जल को पियो
फिर अच्छी सेहत पाओ |
57.
पीने का पानी
शुद्ध होना चाहिए
उबाले या फिल्टर करे
अच्छा सेहत पाए |
58.
पानी के बूंद
सींचे धरती
आगोश में
खिलती प्रकृति |
59.
जैसे भोजन बनाने के लिए चाहिए पानी
वैसे अनाज उगाने के लिए चाहिए पानी
पानी जीवन के लिए एक अनमोल
द्रव है
हर प्राणियों के लिए वरदान स्वरूप है पानी |
60.
फलो में सिंघाड़ा कहलाता हूं
पानी फल भी मैं कहलाता हूं
मुझ में समाया है औषधी गुण
जो खाए फल रोग भगाता हूं |
61.
मछली जल की रानी है
जल बिन न कोई कहानी है
जन जीवन की यह आस है
यह बात जग ने भी मानी है |
62.
भरी नीर सलील पानी
जल के अनेक नाम है
जीवन को अमृत से भरना
उसका तो यही काम है |
63.
नीलाभ सागर को देखकर
आज फिर से यादे ताजा हो गई
कितने मधुर पल थे न!वो दिन
आज क्यों फिर मैं पराई हो गई |
64.
जिया था मैने तुम्हारे लिए
सागर जैसा गहराई लिए
पर तुमने तो हद कर दिया
मुझे तन्हाई ओढ़ने के लिए |
65.
हमारी जिंदगी की खुशी तो
बस मिलकर जीने का था
पर तुमने जो चूना भँवर को
जीवन रूपी सागर थम गया |
66.
साथ जीने के लिए
कई विकल्प खुले थे
पर तुम कमजोर निकले
और जल्द ही हार बैठे |
67.
मैं कभी हारना नहीं चाहती हूं
पानी गति बदल सकता है
वैसे ही रास्ते बनाना चाहती हूँ
जहां समय लेकर जाता है |
68.
जैसे समुंदर पर उफनती है लहरें
मेरे मन के अंदर भी है कई लहरें
कभी शांत सुंदर तो कभी विकराल
तुम्हारे उपर है चाहिए तुम्हें कैसी लहरें |
69.
सागर के उपकुल पर जब
हम इन लहरों से खेलते हैं
मन खुशियों से भर जाता तब
मानों प्रकृति हमारे आगोश में है |
70.
समुंदर से भी गहरी वह सोच है
जो अंदर ही अंदर खा जाती है
मन के अंदर काफी तुफान है
पर बाहर शांत लहरें बन जाती है |
71.
ऐसे न दिखाओं खुद को
बन जाओ तुम समुंदर जैसा
अंदर काफी तुफान हो भले
पर बाहर हलचल भी न हो |
72.
कल्पना भी नहीं कर सकते है
संसार बिना जल
क्योंकि पानी प्राण स्वरूप है
सबको देता है बल |
73.
साफ पानी पौधा भी मांगे
जीव जंतु भी चाहे
जल प्रदूषण को दूर करके
वातावरण को स्वच्छ बनाए |
74.
हरियाली छाती जल से
भोजन बनाते है जल से
जल से भी बिजली पाएं
क्यों नहीं जल को बचाएं |
75.
जल प्रदूषण
चिंता कारण
जरुरत है
जल संरक्षण |
76.
पानी से बनती है बिजली
आओ जल को हम बचाए
जल संरक्षण करके हम भी
आओ धरा को सुंदर बनाए |
77.
जल संकट
धरती पर
चिंताजनक
स्थिति मगर |
78.
जल बचा तो
धरती बचेगी
जल से जिंदगी
फिर से हंसेगी |
79.
बूंद-बूंद जल की कीमत
बहुत कीमती है
एकबार लोगों से पूछकर देखों
जो जल को खरीदते है |
80.
आओ करें बारिश की पानी का संचयन
होगी इससे हमारी भलाई जल का
संरक्षण |
81.
बचाकर पानी का करे नित्य व्यवहार
मिलेगा जीने का हम सबको आधार |
उम्मीद करती हूँ कि पानी पर सुविचार से इसका महत्त्व जानने को मिला होगा। Comment Section में मुझे ज़रूर बताएं कि कौन-सी शायरी आपको सबसे ज़्यादा पसंद आई।
नमस्कार। मेरा नाम रीता सिंह है और मैं एन्वायरमेंट एण्ड फॉरेस्ट में कार्यरत उत्तर पूर्व भारत असम के सांस्कृतिक व ऐतिहासिक शहर तेजपुर में रहती हूँ । पढ़ने और लिखने का मुझे बेहद शौक है। मैं सन 1992 से लेखन कर रही हूँ और एक प्रकाशित लेखिका हूँ। कई पत्रिकाओं व साझा संकलनों का सम्पादन भी किया है। पूर्वोत्तर भारत में हिंदी की प्रचार-प्रसार के लिए कटिवद्ध हूँ । पूर्वोत्तर हिंदी साहित्य अकादमी तेजपुर असम (भारत ) नामक पंजीकृत न्यास की संस्थापिका हूँ। उम्मीद करती हूँ कि आपको मेरे द्वारा लिखे गए Quotes, Status और Poems पसंद आएंगे।
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