जीवन संगिनी पर शायरी, आपने साथी को खास महसूस कराने में आपकी बहुत सहायता करेगी।
अर्धांगिनी पर कविताएं से बना ये ख़ास संकलन, ज़िन्दगी में उसकी अनमोल जगह को दर्शाता है।
अगर आप भी धर्मपत्नी पर शायरी या धर्मपत्नी पर कविताएं ढूंढ रहे हैं तो यह ब्लॉग आपके बहुत काम आएगा।
जीवन संगिनी पर शायरी | Quotes To Express The AFFECTION
आइए अर्धांगिनी पर शायरी पढ़ना शुरू करते हैं-
1. बीवी घर की रौनक होती हैं। |
2.
बीवी की खनकती आवाज़, मन में मधुर संगीत घोले देती है। |
3.
जीवन संगिनी बन जीवन के सब, सुख दुःख बांट लेती है। |
4.
बीवी से आबाद होती, जीवन की हर कड़ी पथ प्रदर्शक बनकर, सही राह दिखाती बीवी। |
5.
जैसे फूल उपवन को सुन्दर बनाते, वैसे ही बीवी घर को स्वर्ग बनाती। |
6.
नहीं मांगती धन और दौलत, न सोना न चांदी वो तो पति की, एक मुस्कुराहट पर वारी जाए। |
7.
सोलह श्रृंगार बीवियों की पहचान। |
8.
बीवी से झगड़े पति कहता, मायके चली जाओ तो मन को चैन मिल जाए, जब जाती मायके तो पति का दिल बैठ जाए। |
9.
पत्नी जब बोलती तो कहते, कितना बक-बक करती हो चुप जब हो जाए तो, बात करने के बहाने खोजते ये पतियों की निराली बातें। |
10.
बीवी से घर, आबाद है। |
11.
सात फेरे में, सात जन्मों का बन्धन बीवी साथ निभाए हमदम। |
12.
लाल सिंदूर, लाल कुमकुम बीवी की होती, यही सबसे बड़ी पहचान। |
13.
बीवी होती अर्द्धांगिनी, पति के आधे अंग की गामिनी। |
14.
मृगनयनी के समान आंखों वाली। |
15.
सूरत से भोली, सिरत से अलबेली वो होती मस्तमौली। |
16. बीवी हमसफ़र से चाहे, प्यार और सम्मान की एक नज़र। |
17.
पति की सलामती के लिए रखती, व्रत-उपवास करती मंगल कामना उसकी। |
18.
बीवी हो कितनी भी नाराज़, प्यार से पुकारे जो पति तो गुस्सा हो जाए नौ दो ग्यारह। |
19.
बीवियों की पहचान, शान्त सरोवर निश्छल निर्मल, प्रेम की भंडार। |
20.
जब तक न छेड़ो, तब तक लगती संतोषी मां छेड़ो तो बन जाती चंडी समान। |
21.
जीवन संगिनी का प्यार ऐसा, ससुराल को भी बना दे स्वर्ग से सुन्दर। |
22.
जो सुख हो या दुःख हो, साथ निभाए हर दम कहलाए वो बीवी नम्बर वन। |
23.
बीवी घर को सजाने के लिए, अपने सपनों की परवाह नहीं करती है। |
24.
घर आने में हो थोड़ी जो देर, पत्नी तो घर सिर पर उठा लेती। |
25.
बीवी के नखरे हज़ार, एक जो पूरी हो जाए तो झट दूसरी सामने रख देती। |
26.
पत्नी का मन, समझ पाना मुश्किल पति का। |
27.
साथ निभाए साथिया। |
28.
बीवी के हाथों में, पति की लगाम नाच नचाए खूब। |
29.
बीवी किस बात पर रुठ जाए, समझ पाना नामुमकिन है। |
30. पत्नी का प्यार और स्नेही स्वभाव। |
31.
साया बनकर साथ निभाएंगे, सांसों में तेरे घुल कर अपनी छाप छोड़ जाएंगे। |
32.
हमसफ़र सात फेरों के सात वचन, निभाना बन कर मेरी अर्धांगिनी मेरी गृहस्थी सजाना। |
33.
मेरी हर तमन्ना तुमसे, मेरी खुशियों का तुम ख़ज़ाना मेरी बगिया की शोभा, तुम जो हो मेरी ज़िन्दगी। |
34.
सितम सारे बांट लिया करो, नाराज़गी दिल में हो तो डांट लिया करो। |
35.
नाराज़गी हो तो, मन में न रखा करो बात करके उसे, दूर कर लिया करो। |
36.
यूं मुँह फुला कर, रिश्तों में तनाव न बढ़ाया करो दिल में जो बात है, जताया करो। |
37.
बीवी के बोल, खनकती आवाज़ की डोर। |
38.
रूठ कर बीवी, जो बैठ जाती है जिंदगी जैसे रुक-सी जाती है। |
39.
मेरे जीवन की रफ़्तार तुम, मेरे खुशियों की बहार तुम तुम ही मेरे जीने का आधार। |
40.
बीवी जीवन की, हर सुख दुःख की संगिनी। |
41.
पति की पूरक होती है, क़दम से क़दम मिलाकर चलती है बीवी वो होती है, जो हमराज़ बन कर चलती है। |
42.
ऊपर से सख़्त बनने का, दिखावा करती हैं पर दिल से नाज़ुक होती हैं। |
43.
नाराज़गी लम्बी होगी तो, रिश्ता धूमिल पड़ जाएगा इसलिए गुस्सा होने का, सिलसिला छोटा ही रखना। |
44.
बीवी घर की मालकिन, जो सब कुछ क्षण में Manage कर ले, Budget हो या ज़िम्मेदारी। |
45.
काम निपटाने में माहिर, ऐसे मानो अलादीन की जिन हो जैसे। |
46.
बीवी का प्यार अनमोल, वक़्त हो अच्छा या बुरा न बदले अपना रंग। |
47.
संगिनी सतरंगी इन्द्रधनुष, जो समेटे हर रंग का समावेश। |
48.
पत्नी, मां लक्ष्मी की होती हैं स्वरूप। |
49.
साथी बनकर साथ चले, हर पल वो साथ चलती है जीवन संगिनी। |
50.
नाराज़ होकर भी रहता, सबको बनाकर खिलाने का ख्याल तारीफ पाकर थोड़ी भी, खुशियों से भर जाती वो। |
51. साथ चलने वाली, सब सहन करने वाली दिल खोलकर रखने वाली, विश्वास की मूरत कहलाती वो केवल और केवल बीवी होती। |
52.
विश्वास की पतंग और, पति-पत्नी उसके मंझा और डोर। |
53.
पत्नी होती है, त्याग की मूर्ति पति की खुशियों के लिए, अपने अस्तित्व का कर देती है बलिदान। |
54.
पत्नी घर की शोभा बढ़ाएं, अपनी खूबसूरती से पति को रिझाए। |
55.
आंख बंद करके, जिस पर विश्वास कर सकते हैं वो कोई और नहीं, सिर्फ और सिर्फ होती गृहलक्ष्मी है। |
56.
पत्नी-पति की पूरक होती हैं, उसके बिना न कोई आधार। |
57.
रूठ कर यूं सताया न करो, शरीफ़ पति का यूं दिल जलाया न करो। |
58.
बीवी की ख्वाहिश, पति के इर्द-गिर्द ही होती है वो अपनी दुनिया समेट लेती है, उसकी निगाहों में। |
59.
निगाहें पत्नी मिलाती जो है, उसके एक झलक की कशिश पति के दिल में उतर जाती है। |
60.
बीवी का प्रेम होता अमर है, एक बार जीवनसाथी को बसा ले दिल में तो, उसकी ही बन जाती है। |
61.
अपनी सुन्दरता के मोहपाश में, पति को सदा बांधे वो रखती है। |
62.
मझधार में खेवईया, पतवार की धार होती है पत्नी। |
63.
बीवी जैसे उगते सूरज की रोशनी, जो पति के आंगन में उजियारा कर देती है। |
64.
थोड़ा ग़म है, थोड़ी खुशी यहीं जीवन है, पत्नी का संग। |
65.
नाराज़ होकर दूर जाती, पति की याद उसे पास खींच लाती जो। |
66.
जीवनसंगिनी बन रहती, दिल के करीब। |
67.
संबंधों को मज़बूत बनाती, भरोसे को दृढ़ता देती अपने प्यार से बगिया महकाती, परिवार की वो स्तम्भ कहलाती। |
68.
बीवी की खुशी के लिए, केवल एक ही मतलब और वो है हमसफ़र का साथ। |
69.
यादों में तेरी खुशबू से महकते रहे, तेरे बारे में सोच-सोच कर बहकते रहें। |
70.
देख ली ज़िन्दगी तुम्हारे बिना जीकर हमने, तुमको पाकर पा लिया हमने सारा जहां। |
71.
कभी-कभी किसी से ऐसा, रिश्ता बन जाता है बात करते बस उसी का ख्याल, आ जाता है। |
72.
दिल की बात, दिल ही में छुपा लेते हैं वो मेरी बात निगाहों ही निगाहों में, पूछ लेते हैं वो। |
73.
मेरी बीवी मेरी शान, उसकी हर बात मेरा मान हर बात उसकी मानूं, वो मेरी High Command. |
74.
रूठ जो कभी जाओ तो, मना भी लिया करो कभी आप तो कभी वो। |
75.
नाराज़ बीवी को, मनाना हो तो उपहार कोई अपने हाथों से, दे दिया करो। |
76.
बंधन में बंध गए, अब नहीं रहे Free. |
77.
आप इतने प्यारे हो, तभी हमारे हो। |
78.
हर दिन तकरार न हो, नोंक झोंक न हो तो समझ लेना वो बीवी नहीं, कोई और है। |
79.
धड़कन हो तुम, जान हो तुम गुमान हो तुम, मेरी दुनिया की आन हो तुम। |
80.
मांगा था ख़ुदा से बहुत कुछ पर, तुम मिल गई तो अब नहीं रही कोई ख़्वाहिश बाकी। |
81.
पति पत्नी की टकरार, में भी छुपा होता है प्यार। |
82.
जब तक बीवी, अपनी सारी भड़ास नहीं निकल लेती तब तक पति की खैर नहीं। |
83.
कुछ बोलो तो झट बुरा मान जाए, प्यार से पुकारों तो तुरंत मान भी जाती बीवी होती हीं ऐसी हैं। |
84.
पत्नी होती हैं, प्यार की मूरत दिल से खुबसूरत। |
85.
शर्मीली ऐसी लगती है, जैसे छुईमुई की हो सरपत। |
86.
पत्नी से उम्मीद लगाए, सुबह सबेरे उठकर गर्मागर्म चाय की प्याली, वो बड़े प्यार से दे जाए। |
87.
पत्नी जब मायके जाने की बात करे तो, पति बहाने हज़ार गिनाए और जाने न देने की मांग गिनाए। |
88.
पत्नी से चाहें, घर का पूरा काम वो निपटाएं जैसे इन्सान नहीं, हो वो कोई मशीन। |
89.
वो पत्नी बेहतर जानती है, जो पति को गरम-गरम रोटी खिलाकर अपना दिवाना बनाती है। |
90.
बीवी के हाथों में जादू, झटपट स्वादिष्ट खाना खिलाकर कर लेती काबू पति को। |
91.
पत्नी मेरी पाक कला में निपुण, बड़ी शान से कहते पति पर हाथ बंटाने को कहती पत्नी तो, बगले झांकने लगते है ये। |
92.
गृहस्थी की नईया की, खेवईया होती हैं पत्नी। |
93.
सींचती घर को, बच्चों और हरियाली को उसमें मांगती वक़्त थोड़ा, अपने निखरने का। |
94.
रखती व्रत उपवास, करती पूजा अर्चना मांगती हमेशा यहीं अरदास, सलामत रहे उसका हमराज़। |
95.
जब हो कड़ाके की ठंड, सब रजाइयों में दुबके होते तब रसोई का मोर्चा संभालती हैं, ये पत्नियां। |
96.
खनकती आवाज़ आती रसोई से, बर्तनों की जो उसे रोकने एक पैर पर दौड़ पड़ती, वो है बीवी केवल बीवी। |
97.
सात जन्मों का बंधन, निभाती पत्नी चाहे खुशी हो या ग़म। |
98.
दो जिस्म एक जान होते हैं, पत्नी-पति का अटुट बन्धन। |
99.
पत्नी का दिल होता बड़ा, हर बात को सलीके से समेटने जो आता तालमेल बिठा कर आगे बढ़ना जो आता। |
उम्मीद करती हूँ कि जीवन संगिनी पर कविताएं पढ़कर आपका प्यार और गहरा हो जाएगा। Comment Section में मुझे ज़रूर बताएं कि कौन-सी शायरी आपको सबसे ज़्यादा पसंद आई।