दिल को छू लेने वाली emotional शायरी मन में दबे हुए अनगिनत एहसासों के बारे में है, जो ख़ुशी और ग़म दोनों में हमेशा साथ रहते हैं।
बहुत बार ऐसा होता है जब emotional शायरी स्टेटस लगाना हो तो सही शब्दों को चुनना मुश्किल हो जाता है।
इसलिए मैंने इस संकलन में Feelings Captions और emotional shayari in hindi को शामिल किया है, जिन्हें आप कभी भी Share कर सकते हैं।
दिल को छू लेने वाली emotional शायरी | Thoughts To Express The Feelings AMAZINGLY
आइए दिल को छू लेने वाले emotional स्टेटस पढ़ना शुरू करते हैं –
1. बिन गोदी, बिन आँचल जन्मा, सांस चली पर जिया अजन्मा। |
2.
प्यार, दुलार, बड़प्पन की बातें, |
3.
परछाइयों का रूप मेरा, किस्से छुपा है, |
4.
न मिल सका मुझे कुछ, तौहीन के सिवा, |
5.
सिखातें हैं मुझको दुनियाँ के शौक़-ओ-आब, |
6.
रौशन हुई ज़मी, झुका है आसमां; |
7.
न मुझको जानता मालिक़ गुरूर का, |
8.
शाखों से पत्ते बिन मौसम, कल-कल कूचों में जैसे गिरते हैं, |
9.
अहल-ए-ख़ुदा के वाजिब रह जायेंगे यहीं, |
10.
गुनाह के चेहरों पर, चेहरा गुनाहों का, |
11.
अपनेपन का साथ, |
12.
रोशन तारों की चांदनी, |
13.
उजियारे के दामन पर, रीत के मोती साँची हैं, |
14.
काजल बिंदी बीच महावर, लाल सुहागन हो गई मैं, |
15.
गहने के पावन रत्नों पर, है नाम पिया का रचा हुआ, |
16. मस्तक सूरज की लाली, नित प्रीत के सात वचन, बीच भंवर महिमा बांधे, सिन्दूरी सात जनम। |
17.
मन की मन्नत की चौखट, पूरा करती हर एक उम्मीद, |
18.
स्वर्ण सुबह के सूरज सा, तेज है माथे पर बस्ता, |
19.
सजा के अंगना डोली में, झिलमिल चमके रे कंगना, |
20.
सात स्वरों की गरिमा में, बस्ती जीवन की झंकार, |
21.
चौथ के चाँद की मूरत, साथी के रूप में पाई है, |
22.
लाल चुनार बन उड़ जाऊं, प्रीत सभी निभाऊं, |
23.
चाँद की ठंडी छाया में, चांदनी ने सुकून पाया है, |
24.
साँसों के दीपक की लाली, लौ से दूरी न सह पायेगी , सात वचन संग साँसों की, हर जन्म में रस्म निभेगी। |
25.
खोजेंगे सपनो के घर, |
26.
आसमान में छुपता फिरता है, |
27.
तारों की टीम-टीम कश्ती में, चलो बादल की बस्ती में, |
28.
आसमान में सपनों की, उड़ती वो रंगीन पतंगे, |
29.
स्कूल की टिक-टिक घंटी में, धड़कन सी अटकी रहती है, |
30. हंसना-रोना सब अच्छा है, बचपन का खेला सच्चा है, झूठ-फरेब की डाली से दूर, मन से पावन हर बच्चा है। |
31.
अल्हड़पन की सौगातों से, बचपन को आज़ाद रखो, |
32.
खेलों के हम हैं शहज़ादे, चोटों के हैं दुश्मन, |
33.
साथ ये अल्हड़पन का है, बचपन के मीत न बिछड़ेंगे, |
34.
रौशनी की चादर ओढे, हर रोज़ सवेरा जागे है, |
35.
कौन लाता है जग में, जिज्ञासा की डोर, |
36.
स्वप्न सुहाने बचपन के, नंगे पाँव भगायेंगे, |
37.
खोने की क़ीमत अपनों की, |
38.
यादों के भवर से लौटे ही नहीं, |
39.
आइनों में मुझको न अक्स है दिखता, |
40.
शैतानों के पंजों पर, अपनों का खूं जो देखा है , |
41.
शोलों में अब बची न आग, मुझसे ताप वो लेते हैं, |
42.
सारे छीन मेरे अपने, क्यों मुझको ज़िंदा छोड़ दिया, |
43.
जब लहू बहा मेरे अपनों का, समझा मैं खूब तेरा खेला, |
44.
धरती चीर के लाऊंगा, अपने दुश्मन को हराऊंगा, |
45.
अपनों की कीमत है भारी, मुझमें हिम्मत न चुकाने की, |
46.
काले साये में मैंने, अपनों को खोते देखा है, |
47.
साहिल के मुहाने पे, रेत है ठहरी; |
48.
एहसास के दामन में लिपट के रोये, |
49.
आस के गहरे दीपक में, घनघोर अँधेरा छाया है, |
50.
त्याग का ऐसा काम किया, माँ बाबा ने ही दान किया। |
51. पल-पल झर -झर रोये आंसू, हर आती-जाती श्वांस के साथ, माँ-बाबा की याद दिलाये, एक-एक बदलते एहसास के साथ। |
52.
साथ साजन का पाने को, खो बैठी अपना ही घर, |
53.
सौ नखरों की शहज़ादी ने, राजा से रिश्ता जोड़ लिया, |
54.
माँ के आँचल में अम्बर था, थी पिता के कन्धों पर खुशियां, |
55.
आधे-आधे घर का जीवन, पुत्री के हित में कैसे , |
56.
अम्बर सारा अपना था, उड़ती थी रंगीन पतंग मैं, |
57.
भरे हुए ज़माने में, त्याग की मूरत देखी है, |
58.
एक घर बसाने को, दूजा जिसने त्याग दिया,
|
59.
न तू बसा मुझमे, न मेरी है पहचान, |
60.
कह दो उनका छोड़ना, इक भरम-सा है; |
61.
सर पर साफ़ा है शहादत का, |
62.
न टूटेंगे, न झुकेंगे, |
63.
सरहद पे शीश नवाने का, क़िस्मत से मौका मिलता है, |
64.
अभिषेक है जन्मा साथ मेरे, माटी का क़र्ज़ निभाउंगा, |
65.
दुश्मन की चौखट पर जाकर, मस्तक उसका ले आऊंगा, |
66.
मिटटी की खुशबू में खोकर, उड़ जाऊंगा मैं पंछी, |
67.
पोशाकें केसरी सजी, सोहा है धरती का चोगा, |
68.
देश के पावन झंडे में, एक छवि वीरों की बस्ती है, |
69.
चलो के दूर है आज़ादी, मन के अंतर तक जाने की, |
70.
हर सुबह से शाम रही तपती, मेरी धरती माँ की गोद, |
71.
झुकते नहीं हैं, आसमां के शामियाने, |
72.
पहचानते हैं मुझको, मेरे हौंसलों से, |
73.
न रोकती मुझको इज़हारे इश्क से, |
74.
इश्क़ पूरा है, अगर जताया जाये, |
75.
बूँद-बूँद बरसे है अम्बर, धरती पर हिये लुटाये, |
76.
चाहत, तड़प, मिलन और जुदाई, |
77.
सुर्ख़ ग़ुलाब की शोखी में, महबूब खिला करते हैं, |
78.
पहरों पे कितने दामन थे, कितने थे अपने भी हक़दार, |
79.
सुना है ख़त के लफ़्ज़ों में, तुम आज भी ज़िंदा हो, |
80.
इस नोंक के नीचे लिखे हैं ख़त कई, |
81.
सजदों में झुका सर कब मेरे यार का , |
82.
हर शीशे की तस्वीर में वो, दुनियाँ से आला दिखता है, |
83.
सुनों धरा की धड़कन, अम्बर का पहला प्यार लिए, |
84.
चाहो तो चाहने की क़ीमत, चुकाने की हिम्मत रखना, |
85.
पत्तों पे जा बिखरा धूप का आँचल, |
86.
लबों के सिरहों पे, नाम है उसका, |
87.
मुद्दत से मांगते हो, ख़ुदा से दोस्ती, |
88.
तन्हां है वास्ता तेरी शमाओं का, |
89.
चाहतों का कोई मुझको सुबूत दो, |
90.
सपनों के सौदागर को, दूर संदेसा दे देना, |
91.
बाबा के साए से बढ़कर, इस दुनियाँ में कोई नहीं, |
92.
हर वादे को तोड़ दिया, बच्चो का साथ निभाने को, |
93.
क़ीमत सरमाये की जग में, हर रोज़ चुकाता बंजारा, |
94.
दुनियाँ की तकलीफों को, सर पर अपने ले लेते हैं, |
95.
तिनके भर का भी ग़म, न मुझको छू पायेगा, |
96.
एक उम्र गुज़र जाने के बाद, कंधो को झुका लेता है, |
97.
बाबा की हिम्मत को, सलामी कोई न दे पाया, |
98.
भगवान के ग़र कोई चेहरे होते, |
99.
बाबा के हौंसलों को परखोगे क्या भला, |
उम्मीद करती हूँ कि दिल को छू लेने वाली emotional शायरी ने आपके मन में जगह ज़रूर बनाई होगी। Comment Section में मुझे ज़रूर बताएं कि कौन-सी शायरी आपको सबसे ज़्यादा पसंद आई।