आँखों के काजल पर शायरी अक्सर उन लोगों की पहली पसंद होती है, जो इसकी Importance समझते हैं। 

खूबसूरती की मिसाल माने जाने वाले, कभी झील और कभी गहराई को नापते काजल पर कविताएं सुंदरता को नये अर्थ देता है। 

मैंने इस संकलन में अदभुत Kajal Captions को शामिल किया है, जिन्हें आप अपनी Photo के साथ काजल पर status की तरह Share कर सकते हैं।

आँखों के काजल पर शायरी | 99 Captions To Feel GORGEOUS

आइए काजल पर Quotes पढ़ना शुरू करते हैं –

1.

तेरी आंखों के काजल-सी,

तकदीर होती मेरी तो

पल भर के लिए भी,

जुदा नहीं होता तुझसे। 

 

2.

वादों के पुलिंदे,

हमसे किए नहीं जाते

बस तेरी आंखों के,

काजल को बहने नहीं देंगे। 

 

3.

कटीली निगाहों से वार करते हैं,

दिल जिगर के पार करते हैं

कोई कह दे उनसे दुश्मन नहीं है हम,

एक हम ही तो हैं इस दुनिया में

जो उनसे बेइंतहा प्यार करते हैं।

 

4.

जो तुम तीर नज़र से चलाती हो,

सच बताओ यह हुनर कहांँ से लाती हो? 

 

5.

नैनों के दीप जलते हैं तो,

सवेरा होता है मेरा

तुम आंखें मूंद लोगी तो,

शाम होगी।

 

6.

आंखों में काजल,

लगाकर क्या लगती हो

एक कयामत हो तुम,

एक कयामत ढाती हो।

 

7.

तेरी आंखों में एहतराम चाहता हूँ,

भटकता हुआ मुसाफिर हूंँ कयाम चाहता हूँ।

 

8.

मेरी नज़रों से बचने के लिए,

जो नज़रें चुराती हो तुम

जी चाहता है तुम्हारी,

इस अदा की नज़र उतार दूं।

 

9.

काजल लगाकर न आया करो,

महफिलों में तुम

मय तुम्हारे नैनों से,

पीने की आदत पड़ जाएगी।

 

10.

लाख छिपाए कोई,

आँखें सच बोल देती हैं

न जाने कितने भेद,

जिया के खोल देती हैं।

 

11.

पल में उदास,

पल में खुश है तू सनम

बचपन तुझसे कभी,

रूठा ही नहीं।

 

12.

झील-सी नीली,

काजल से भरी आँखें

नीले अम्बर में काली,

बदरी छाई हो जैसे।

 

13.

आंखें उसकी कमाल करती हैं,

पलकें उठाती है तो सहर

पलकें गिराती हैं तो शाम करती हैं।

 

14.

पलकों के चिलमन में सुनयन तेरे,

सीप मे काले मोती बसे हो जैसे।

 

15.

कोई कैसे संभाले,

नादान दिल को अपने

उन्होंने कजरारी आखों से,

देखा और दिल मचल गया।

 

16.

तेरी खामोश आँखें सवाल करती हैं, 

जवाबों पर मेरे फिर बवाल करती हैं।

 

17.

कत्ल आँखों से करके,

मासूम बनते हैं

दिल के मालिक बन बेठे हैं,

अनजान बनते हैं।

 

18.

समंदर-सी हैं आंखें,

जनाब की डूबने को

मचलता है दिल मेरा।

 

19.

सोये दिल में नये ख़्वाब जगाती हैं,

कजरारी आंखें

पल में हर एक को दीवाना बनाती हैं,

तेरी कजरारी आंखे।

 

20.

शायरी काजल से गहरी,

हो जाएगी

बस मेहबूब की,

एक झलक मिल जाये।

 

21.

तुम्हें किसी खंजर की,

ज़रूरत नहीं वार करने के लिए

नज़र भर के देख लो और कत्ल हो जाए।

 

22.

मयखाने मे वो मय नहीं,

जो नरों से पिलाती हो

जानेमन य़ह अदा खूब है,

न जाने कहां से लाती हो।

 

23.

तेरे मस्त भरे नैनों में,

झलकते हैं जाम

मुद्दतों से मयखाने का,

रुख किया नहीं हमने।

 

24.

काजल भरी आँखों से,

जो देखा उन्होंने

हमने दिल को उनके,

कदमों पर रख दीया।

 

25.

न जाने कितने छुपे हुए हैं मोती,

तेरी आँख के समंदर में

मैं उनमें उतर कर,

देखना चाहता हूँ।

 

26.

दिल से रूह तक,

उतरने का हुनर जानती हैं

कत्थई आँखों वाली,

तुम्हारी य़ह अदा भी खूब है।

 

27.

कनखियों से सुलोचन की,

छुपकर क्यूँ देखते हो आप जनाब

प्रेम करते हो तो पलक झपका दीजिये,

हम समझ लेंगे आपका इज़हार-ए-इश्क।

 

28.

नूर आँखों का,

तेरी मदहोश करता है

दिल अब संभलता नहीं,

बेचैन करता है।

 

29.

तेरी आँखों के काजल से,

तस्वीर बनाएँगे

हम तेरे साथ,

अपनी तकदीर बनाएँगे।

 

30.

तेरी काजल भरी आँखों में, 

अक्स हमारा दिखता है 

हम खुद पर यूँ इतराते हैं कि,

कोई हमसे इतनी मोहब्बत करता है।

 

31.

तू काजल बनाकर,

बसा ले मुझे नैनो में तो

कसम से मेरी,

तकदीर संवर जाए।

 

32.

तेरी आँखों में मुझे,

मेरी मंज़िल नज़र आती है

जो तेरे साथ मेरे हमसफर,

मुकम्मल होगी।

 

33.

आँखों में काजल लगाती हूँ,

किसी के लिए भी नहीं

मैं खुद पर ही इतराती हूँ।

 

34.

आँखों में काजल में,

पी को बसाया है

जो मेरे दिल ही नहीं,

रूह तक समाया है।

 

35.

सुरमई आँखों से सतरंगी सपने,

पूर्ण करने के लिए उड़ान तो भरनी है।

 

36.

मैंने काजल नैनों में जो लगाया है,

नूर सिर्फ चेहरे पर ही नहीं

कायनात पर भी आया है।

 

37.

वो क्या खूब हुनर रखते हैं,

अंखियों में काजल लगाकर

दिल पर हुकूमत करते हैं।

 

38.

झील-सी नीली आँखों में,

काले काजल की नज़र

साडी दुनिया से जुदा है,

मेरी हमसफ़र।

 

39.

काजल वाली अंखियों ने,

दिल का हाल बेहाल किया है

अभी तक दिल तुझको दिया था,

अब जीवन भी तेरे नाम किया है।

 

40.

तेरी आँखों में है जन्नत मेरी,

निगाह भर कर देख ले तो

ज़िंदगी बन जाए।

 

41.

प्रीत से भरे सुरमई नैन तेरे,

खींचते है मुझको यूं तेरी ओर

जैसे पतंग को खींचती है डोर।

 

42.

सजन को दिल में बसाया है,

मैंने उनकी प्रीत का काजल

अपनी अंखियों में लगाया है।

 

43.

अंखियों की जादूगरी खूब है उसकी,

निगाह भर के देखा और हम लुट गए।

 

44.

उसकी आफरीन निगाहें की,

रफ्तार का क्या कहें

खयालों में ही नहीं,

ख्वाबों तक पीछा करती हैं।

 

45.

Mood मेरा तुम्हारे व्यवहार का आईना है,

अब तुम प्रेम करो या करो तिरस्कार

यह तो तुम पर निर्भर है मेरे सरकार।

 

46.

मुश्किलों के अंधेरे को,

काजल में तबदील करती है

काबिल है स्त्री आधीं में भी,

चिराग जलाने के लिए।

 

47.

तेरे प्रेम का काजल लगाकर मैंने,

खुद अपनी रातों की नींद उड़ाई है।

 

48.

हम आशियाँ बना लेंगे,

तुम्हारी नूरानी आँखों में

तू एक बार सनम

मोहब्बत का इज़हार तो कर।

 

49.

जब से अंखियों में,

आशाओं का काजल लगाया है

हर दिन नया सूरज उगता है,

मेरी पलकों के तले।

 

50.

उनकी गुस्ताख आखों को,

सजा कैसे दें

वो उनकी है,

जिनके हम है मुद्दतों से।

 

51.

सुरमई अंखियों की,

बस इतनी-सी नादानी है 

हमारे चेहरे पर,

टकटकी लगाकर रहती हैं।

 

52.

मुझे उनकी नूरानी आँखों ने लूट लिया,

अब अपनी जान को सजा भी क्या दें।

 

53.

खुदा की कारीगरी की,

जितनी तारीफ करें कम है

सारा तिलिस्म महबूब की,

नीली अंखियों में भर दिया।

 

54.

एक कहानी छुपी है,

उसकी कत्थई अंखियों में

मैं जिसको पढ़ने की,

तमन्ना करता हूँ।

 

55.

काजल भरी आँखों को,

देख सुध-बुध खो बैठा

जाने और कौन-कौन सा,

जादू आता है सनम को।

 

56.

चंचल से नयन,

उठाकर जो देखा उन्होंने

कसम से तीर दिल के,

आर-पार हो गया।

 

57.

कोई उनसे कह दे कि,

काजल न लगाया करें

हम आशिकों की,

जान पर बन आती है।

 

 58.

तेरी नयनों के जुगनू,

मुझे रास्ता दिखाते हैं

मैं भटकता ही रहता था,

तुझसे मिलने से पहले।

 

59.

अंखियों मे जो काजल लगाया उन्होंने,

झूम के घटा छाई जम के बरसात हुई।

 

60.

मेरी खुशनुमा जिंदगी का,

सबब है सुलोचन तेरे

इनके तले मैंने अपनी,

दुनिया बसाने की तमन्ना की है।

 

61.

निगाहों की मस्ती का,

आलम क्या कहें

एक बार जो देख लें तो,

बेहक जाए।

 

62.

सदके जाऊं उनकी,

मस्त निगाहों पर

कत्ल करके भी,

उफ्फ नहीं करती।

 

63.

कशिश-सी है उसकी,

सुरमई आँखों में

पल भर के लिए भी,

नज़र हटती नहीं।

 

64.

खुशबु तेरी आँखों की,

रूह तक समायी है

जिंदगी गुलज़ार है तुझे,

अपना बनाने के बाद।

 

65.

उनके सुरीले नयनों की आवाज़,

गूँजती है मेरे दिल के कमरे में

मैं चाह कर भी दूर नहीं हो पाता हूँ,

कस्तूरी की तरह बदहवास हो जाता हूँ।

 

66.

उनकी निगाहों के सुरूर से,

जब से वास्ता हुआ

हमने मयखाने से रुख,

मोड़ लिया हमेशा के लिए।

 

67.

वो काजल अंखियों में लगाकर,

नज़र खुद ही उतारते हैं

यह नहीं जानते कि,

वो और खूबसूरत हो जाते हैं।

 

 68.

काजल की लकीरों को,

कमतर न समझना

यह इतिहास बदलने की,

काबिलियत रखते हैं।

 

69.

नाराजगी तुमसे उम्र भर के लिए नहीं है,

तुम ज़रा मनाने की कोशिश तो करो।

 

70.

चंचल शोख अदा वाली,

पल-पल में रूठती है और हमें

उसके रूठने पर और प्यार आता है।

 

71.

शायराना आंखें हैं उनकी जनाब,

बस वो पढ़ने की इजाज़त दे दें।

 

72.

आफताब और चांद की रोशनी फीकी है,

उनकी नूरानी आंखों के सामने।

 

73.

खफा होकर वह और खूबसूरत लगते हैं,

उन्हें मनाने की ज़हमत हम क्यों उठाएं।

 

74.

उनकी निगाहें शरारत खूब करती हैं,

ज़रा-सी नज़र अटकती है उन पर तो

झट से पलक झपकती हैं।

 

75.

दूर तक हैं उनकी निगाहों के साये,

जैसे पुकार रहें हैं वो बाहें फैलाये।

 

76.

मौसम बदलता है उनके मिजाज़ से,

नाराज़ होते हैं तो तूफान आते हैं

खुश होते हैं तो बहार दस्तक देती है।

 

77.

हम उनके रोज़ बदले हुए,

मिजाज़ से रूबरू होते हैं

कभी आफताब जैसे ऊष्म,

कभी चांद जैसे शीतल होते हैं।

 

78.

घटाओं को काजल बनाकर बसाया है,

बारिशों को पलकों तले छुपाया है।

 

79.

जब वो काजल लगाकर निकलती है,

न जाने कितने राहगीरों की राहें मोड़ देती है।

 

80.

उस का काजल लगाना बहाना है,

उन्हें मुझे अपना दीवाना जो बनाना है।

 

81.

कजरारी अंखियों को कमतर न समझना,

वो इतिहास बदलने का हुनर रखती हैं।

 

82.

राधा ने लगाया कजरा प्रीत का,

तभी से कान्हा श्यामल हो गए।

 

83.

गुज़रता हूंँ रोज़ाना,

तेरी आंखों की राहों से

कहीं तो मेरी मंज़िल मिलेगी।

 

84.

कजरे की धार सनम की,

तलवार से ज़्यादा करती है वार।

 

85.

उनके काजल की धार से घायल है,

नाज़ुक-सा दिल मेरा।

 

86.

कजरे भरी आंखों को कम न समझो,

नीले अंबर पर जब उड़ान भरेंगी तो

लाखों आंखें कौंध जाएंगी।

 

87.

गुलाबी आंखें गुस्ताखी कर गईं,

ज़ुबान से हम कुछ बोले नहीं और वह

इज़हार कर गईं।

 

88.

कत्थई आंखों की चमक देखो,

मेरी जिंदगी रोशन है

उनकी पलकों के तले।

 

89.

नैनों की भाषा समझ जाए प्रियतम,

इसलिए आज काजल

कुछ गहरा लगाया है हमने।

 

90.

उनकी गुलाबी आंखों की खुशबू,

महकती है मेरी सांसों में।

 

91.

उसकी आंखें हैं या आईना,

दिल की हर बात

दिखाई देती है।

 

92.

कोई कैसे इश्क न करें,

उन सुरमई आंखों से

सारी खूबसूरती कायनात की

सिमट के आई है।

 

93.

उनकी आंखें पीछा करती हैं,

सुबह-शाम मेरा

अब तो आईने में भी

दीदार उनका होता है।

 

94.

कभी गीत कभी कविता लिखता हूँ,

मेरे कवि बन जाता हूँ तेरी

मदमस्त आँखे देखकर।

 

95.

हमारी आंखें हैं,

बस उनको देखना चाहती हैं

कायनात का हर नज़ारा,

फीका है उनके सामने।

 

96. 

अपनी नज़रों में जब से,

उनको समाया है

दिन में भी ख्वाब देखती हैं,

काली आंखें हमारी।

 

97. 

छुप कर हमारी निगाहों से,

दूर वो कहां जाएंगे

खींच लाएंगीं काजल की,

लकीरें हमारी।

 

98. 

मदमस्त अंखियों की मालकिन हैं वो,

कातिल भी और फ़रिश्ता भी है हमारी।

 

99. 

उस के नैनों के,

समुद्र में लहरें उठती हैं 

डूबने को इतना आतुर,

जाने क्यूँ है दिल मेरा।

उम्मीद करती हूँ कि आँखों के काजल पर शायरी ने आपको अपनी ओर आकर्षित ज़रूर किया होगा। Comment Section में मुझे ज़रूर बताएं कि कौन-सी शायरी आपको सबसे ज़्यादा पसंद आई।

Pooja Agrawal