क्या आपको भी खास लोगों को ईद मुबारक पर दो लाइन की शायरी भेजना पसंद है ?
लोग त्योहार के दिन एक-दूसरे को ईद पर नज़्म भेजकर अपनी दुआएं अपनों तक पहुंचाकर खुशियों को चार गुना बढ़ा देते हैं।
मेरे इस संकलन में पढ़िए बेहतरीन ईद पर कविताएं, जिन्हें आप किसी के भी साथ Share कर सकते हैं।
ईद मुबारक पर दो लाइन की शायरी | Quotes To Make Your Day SPECIAL
आइए ईद पर शायरी पढ़ना शुरू करते हैं –
1. رمضان کی آخری شب ہے کل عیدالفطر کی خوش آمدید ہے रमज़ान की आख़री शब है, कल ईदुल फितर की ख़ुश आमदीद है। |
2.
آج عید کی چاند رات ہے تو رحمتوں کی رات ہے۔ आज ईद की चांद रात है, रहमतों की रात है। |
3.
٣.عید کی خوشآمدید تم کو مبارکباد ہو تمہارا پرزور استاغبال مبارک ہو۔ ईद की खुशामदीद तुम को मुबारक हो, तुम्हारा पूरज़ोर इस्तगबाल मुबारक हो। |
4. ٤.عید کا چاند تمنے دیکھ لیا عید ہوگی ہماری۔ہمنے اپنا چاند دیکھ لیاईद का चांद तुमने देखा लिया,ईद हो गई हमारी हमनें अपना चांद देख लिया। |
5.
٥۔عید آی ہے ،تم نا آنے عید کی آمد سے پہلے تو تمہارے دید کی تھی امید تم نا آنے ईद आई है तुम ना आए, ईद की आमद से पहले तो तुम्हारे दीद की थी, उम्मीद तुम ना आए। |
6.
٦.ہمنے تمہے دیکھا نہیں تم نے ہمے دیکھا نہیں۔ پھر کاہے کی عید ہوگی۔ हमने तुम्हें देखा नहीं, तुमने हमें देखा नहीं फिर कहां कि ईद हो गई। |
7.
٧۔ ماہ نو کا چاند دیکھنے چھت پر نہ جانا ہرگز ۔ شہر میں عید کی تاواریخ بدل جانے گی۔ माहेनू का चांद देखने छत पर ना जाना हरगिज़, शहर में ईद की तवारिख़ बदल जाएगी। |
8.
٨.عید کی داستان سونی ہم نے پھر آپکی یادوں کا سلسلہ چل نکلا ہم نے بھی سونای داستانیں ہم – -ہم نا رہیں ईद की दास्तां सुनी हमनें, फिर आपकी यादों का सिलसिला चल निकला, हमनें भी सुनाई दास्तानें हम-हम ना रहे। |
9.
٩.اس مہربان نظر کی عنایت کا شکریہ تحفہ دیا ہے ہمے عید پہ جدائی کا شکریہ इस मेहरबान नज़र की इनायत का शुक्रिया, तौहफ़ा दियाहै, हमें ईद पे जुदाई का शुक्रिया। |
10.
١٠.عید کا چاند دیکھ لیا تم نے آج تو چاند کی عید ہوگی- ہوگی چاند کوبھی تمھے دیکھ کر مدحوشی ہوگی – ہوگی ईद का चांद देख लिया तुमने, आज तो ईद की चांद हो गई-हो गई चांद को भी तुम्हें देखकर मदहोशी हो गई-हो गई। |
11.
١١.شیرکھورما بھی بھیگا دیا ہے دادی اماں نے آج ہے شب چاند رات کا مقوقا शीरख़ुरमा भी भीगा दिया है, दादी अम्मा ने आज है शबे-चांद रात का मौक़ा। |
12.
٢.امی نے ،بہنوں نے بھابھی نے میحندی ہے رچای ہے ہاتھوں میں کال عید کی خوشیاں منای جاے گی ۔ अम्मी ने बहनों ने, भाभीयों ने मेंहदी रचाई है हाथों में, कल ईद की खुशियां मनाई जाएगी। |
13.
١٣.اے ہوا تمہی اسے عید مبارک کہوں کوئی یاد کرتا ہے اسے عید پر کہوں کی میل نے تمننا ہمے انسے۔ ऐ -हवा तुम्हीं उन्हें ईद मुबारक कहो, कोई याद करता है,उसे ईद पर कहो कि मिलने की तमन्ना है उनसे। |
14.
١٤. دیکھا ہلال عید تو آیا تیرا خیال وہ آسمان کا چاند ہے تو میرا چاند ہے اسا میرا خیال देखा हिल्ला ईद तो आया तेरा ख़्याल, वो आसमान का चांद है तू मेरा चांद है, ऐसा मेरा ख़्याल। |
15.
١٥.آج یاروں کو مبارک ہوعید ہے گھر میں امی نے پکانی سیواں ہے आज यारों को मुबारक हो ईद है, घर में अम्मी ने पकाई हैं सिवाईयां। |
16. ١٦,.مہک اٹھی ہے فظا پہرن کی خوشبو سے چمن دل والوں کا کھیلنے کو عید آی ہے महक उठी है फ़िज़ा पहरन की ख़ुशबू से, चमन दिल वालों का खिलाने ईद आई है। |
17.
١٧.جو لوگ گوزرتے ہے مسلسل رہ دل سے دن عید کا مبارک ہو تہ دل سے जो लोग गुज़रतें है राहें दिल से, दिन ईद का मुबारक हो तहे दिल से। |
18.
١٨. عید آئی تم نا آنے کیا مزہ عید کا عید ہی تو نام ہے ایک دوسرے کی دید کا۔ ईद आई तुम न आए, क्या मज़ा ईद का ईद ही तो नाम है एक-दूसरे की दीद का। |
19.
١٩.آج سجا ہے دسترخوان عید کی لذیذ کھانے کی تشتری میں ہے کورما، سیواں،نان بھی ہے عبید کی داوت میں۔ आज सजा है दस्तरख़्वान ईद की, लज़ीज़ खाने की तश्तरी में है कोरमा, सिवाईयां और नान भी है , ईद की दावत में। |
20.
٢٠.امی نے پہنی ہے چونٹوں والی اڈھنی ، باجی نے بھی پہنا ہے پنجابی سوٹ ، عید پر اببو اور بھایوں نےپہنی ہے شیروانی اور چوڑی دار پاجامہ ۔ अम्मी ने पहनी चुन्नटों वाली ओढ़नी, बाज़ी ने पहना है पंजाबी सूट ईद पर अब्बू और भाईयों ने पहनी है, शेरवानी और चूड़ीदार पायज़ामा। |
21.
٢١.تھج کو میری نہ مجھے تیری خبر جانے گی ، عید یوں ہی دابے پاؤں گوزر جانے گی۔ तुझ को मेरी, न मुझे तेरी जाएगी ईद यूंही दबे पांव गुज़र जाएगी। |
22.
٢٢. ساہےلییوں نے عید کی داوات۔دی ہے کوچھ خاس اہتمام کیا گیا ہے ہم بھی بزار ہیی ان کی ملاقات کو ہوں گے اور عید کی خوشیاں داوات پر نور ہے۔ सहेलियों ने ईद की दावत दी है, कुछ ख़ास एहतमाम किया गया है। |
23.
٢٣.اس سے ملنا تو عید مبارک کہنا یہ بھی کہنا کے میری عید مبارک کر دے۔ उससे मिलना तो ईद मुबारक कहना, ये भी कहना कि मेरी ईद मुबारक कर दें। |
24.
٢٤.واعدوں ہی پہ میری جان نا ٹالو ہیں عید کا دن اب تو گالے ہم کو لگا لو वादों ही पर मेरी जान कि टालों, है ईद का दिन अब तो हम को गले लगा लो। |
25.
٢٥. عید کی آمد سے کلب تیاریاں بہت ہو تی ہیں گھر کے پاردیہے، کوشن، دیواروں-درہ کی روگن ईद की आमद से कल्ब तैयारियां, घर के परदे-कुशन दीवार-ओ-दर की रोगन। |
26.
٢٦.عید کے بعد وہ ملنے آئے ہیں عید کا چاند نظر آنے لگا عید کے بعد ان کی دید ہوئی ہے عید کے بعد ۔ ईद के बाद वो मिलने आएं हैं, ईद का चांद नज़र आने लगा ईद के बाद उनकी दीद हुई है ईद के बाद। |
27.
٢٧.عید کا دن ہے گالے مل لی جے اختلافات ہٹا کر رکھے دوریاں ختم کرنے کا دن ہے عید کا دن ہے گالے مل لی جے۔ ईद का दिन है गले मिल लीजिए, इख़्तिलाफ़ात हटा कर रखें दूरियां ख़त्म करने का दिन है, ईद का दिन है गले मिल लीजिए। |
28.
٢٨.حاصل اس مہ لقا کی دید نہیں، عید ہے اور ہم کو عید نہیں ۔ ٢٩.آج گھر میں داخل ہونے پر لگا عید ہے دادا جان اور دادی جان اپنے سبھی بچوں کی آمد سے انتہائی خوش ہے،لگا عید ہے۔ हासिल उस महलक़ा की दीद नहीं, आज घर में दाख़िल हो पर लगा ईद है दादा जान और दादी जान अपने सभी बच्चों की, आमद से ख़ुश हैं लगा आज ईद है। |
29. ٣٠..ریت یہ پورانی ہے عید پر ہر شخص اپنےگھر والوں کے ساتھ ہی خوشیاں مناتے ہیں عید کی۔ रीत ये पुरानी है ईद की, पर हर शख़्स अपने घर वालों के साथ ही ख़ुशियां मनातें है ईद की। |
30. ٣١.آج اببو نے بھای اور بھابھی کو عید منانے کے لئے بھابھی کے مایکہ بھیجا عید کی مبارکباد کہنے۔ आज अब्बू ने भाई और भाभी को, ईद मनाने के लिए भाभी के मायके भेजा, ईद मुबारक कहने। |
31.
٣٢. چاند رات کو عید کی آمد پر خوشیوں کا پیغام انے لگے ہے عید کے کارڈ ہر سمت سے آی ہے سدا عید مبارک ۔ चांद रात को ईद की आमद, पर ख़ुशियों के पैग़ाम आने लगे ईद के कार्ड हर सितम से आई है सदा, ईद मुबारक हो। |
32.
٣٣. کچھ چاند کی چاندنی اور ستاروں کی روشنی بھی ساتھ بہج دوں آج عید کی آمد پر۔ कुछ चांद की चांदनी, और सितारों की रोशनी भी भेज दो ईद की आमद पर। |
33.
٣٤.آج چاند رات ہے میں ہاتھوں کو دیکھ کر سوچ رہا ہوں کی یہ عید کیس کے نام کروں ۔ आज चांद रात है, मैं हाथों को देख कर सोच रहा हूं कि, ये ईद किसके नाम करुं। |
34. ٣٥.آومل کر مانگے دوعایں عید کے دن باقی نا رہے کوئی بھی غم عید کے دن ہر آنگن میں خوشبوں بھرا سورج اترے اور چمکتا رہے , ہر آنگن عید کے دن۔ आओ मिल कर मांगें दुआएं ईद के दिन, बाक़ी न रहे कोई भी ग़म ईद के दिन हर आंगन में ख़ुशबू भरा सूरज उतरे, और चमकता रहे हर आंगन ईद के दिन। |
35.
٣٦.اپنے پاکیزہ جزبوں کو گواہا بنا کر اب کی بار بھی عید کا چاند دیکھ کر دوعا مانگیں،اپنے اور تمہارے ساتھ کی۔ अपने पाकीज़ा जज़्बों को गवाह बना कर, अब की बार भी ईद का चांद देखकर दुआ मांगे अपने और तुम्हारे साथ की। |
36. ٣٧.دن بھر خفا تھی مجھ سے مگر چاند رات کو مہندی سے میرا نام لیکھا اس نے ہاتھوں پر दिन भर ख़फ़ा थी मुझसे मगर, चांद रात को मेंहदी से मेरा नाम लिखवाया उसने हाथों पर। |
37.
٣٨.میری آرزوؤں کی تمہیدِ تم ہو میرا چاند تم ہو ، میری عید تم ہو۔ मेरी आरज़ुओं की तहमीद तुम हो, मेरा चांद तुम हो मेरी ईद तुम हो। |
38.
٣٩. نظرجو چاند پہ کی دل میں مسکورے ہم دوعا کو ہاتھ اوٹھے تو یاد آئے تم नज़र जो चांद की दिल में मुस्कुराए हम, दुआ को हाथ उठाएं तो याद आए तुम। |
39. ٤٠۔ گھروں میں خانے کے اہتمام سیواں ، موزافر،کورما، نان بھی بنوائی ہیں عید پر پورے خاندان کو عید کی داوات دی جاتی ہے عید پر۔ घरों में खाने के एहतमाम, सिवाईयां, मुज़ाफ़िर, कोरमा, नान भी बनवाई है ईद पर, पूरे खानदान को दावत दी जाती है ईद पर। |
40. ٤١.رحمتوں کا مہینا تھا رمضان الویدا ماہ رمضان عید کی آمد ہے خوش آمدید ماہ رمضان آج چاند رات ہے عید مبارک ہو۔ रहमतों का महीना था,”रमज़ान”, अलविदा माहे रमज़ान ईद की आमद है ख़ुश आमदीद माहे “रमज़ान”, आज चांद रात है ईद मुबारक हो। |
41. ٤٢. تیرے بغیر گوزری اس عید جیسے سفر میں شام غریباں گوزر گی ۔ तेरे बग़ैर गुज़री इस ईद, जैसे सफ़र में शाम ग़रिबां गुज़र गई । |
42. ٤٣. عید تکمیل عنایت،عید ترقیب سعید عید روزوں کا تہفہ عید بخشیش کی نوید ईद तक़मील, इनायत, ईद तरक़ीब, सईद ईद रोज़ों का तौहफ़ा, ईद बख़्शीश की नविद। |
43. ٤٤.جیسے گھڑ دوذخ پوکارے ہل-من مذید عید روز- محشرِ رب کی دید۔ जैसे खड़े दोज़ख़ पुकारे हिल-मन मजीद, ईद रोज़-ऐ-महशर रब की दीद। |
44. ٤٥.گل نہ ہو گا توجشن خوشبو کیا تم نہ ہو تو عید ہی کیا ۔ गुल न होगा तो जश्न ख़ुशबू क्या? तुम न हो तो ये ईद ही क्या? |
45.
٤٦. ماہ۔ نوآج صبح عید لے کرنوید آیا روزوں کے روز مبارک عید لے کر آیا ۔ माहेनू आज सुबह ईद ले कर नविद आया, रोज़ों के रोज़ मुबारक ईद ले कर आया। |
46. ٤٧. کئی عیدیں اس امید پہ گوزر گی اپنی شاید اس بار وہ گلے لگانے ہمیں۔ कई बार ईदें इस उम्मीद पे गुज़र गई, शायद इस बार वो गले लगाएं हमें। |
47. ٤٨.پردیس میں عید آئی بھی اور چلی بھی گی ہم سب کو یاد کرتے رہیں اجنبی بستیوں میں افسردہ یادوں سے شاد کرتے رہیں۔ परदेस में ईद आई भी, और चली भी गई हम सबको याद करते रहे, अजनबी बस्तियों में अफ़र्सदा यादों से शाद करते रहें। |
48. ٤٩.دل روح تک اداس ہے آج چاند رات ہے ایک بدترین یاس ہی اور چاند رات ہے ۔ दिल रूह तक उदास है, आज चांद रात है एक बद्तरीन यास हैऔर चांद रात है। |
49.
٥٠۔ میلے دل سے نفرتوں کو دور ہو تو عید ہے ہر کسی کے دوکھ میں شامل ہوئے تو عید ہے۔ मिले दिल से नफ़रतों को दूर हो तो ईद है, हर किसी के दुःख में शामिल हो तो ईद है। |
50. ٥١عید کی آمد سے پہلے کی خوشی ننہ بچچے کے چہرے پہ آمد سے پہلے کی خوشی عید ہے۔ ईद की आमद से पहले की ख़ुशी , नन्हें बच्चे के चेहरे पे आमद से पहले की ख़ुशी ईद है। |
51. ٥٢.نا جانے وہ وطن میں مناے گے عید کیسے نہ کپڑے ہے، نہ چین ہیں، نہ پیسے ہیں۔ جہاں غوربت ہی غوربت ہے اور مایوسی بڑھی ہے۔ ना जाने वो वतन में मनाएंगे ईद कैसे? नान कपड़े है, न चैन है, न पैसे जहां ग़ुरबत ही ग़ुरबत है और मायूसी बढ़ी है। |
52. ٥٣.ہجر میں عید کے دن یادوں کے منظر جاگے تم جو آے مرے خوابید مقدر جاگے۔ हिजर में ईद के दिन यादों के मंज़र जागे, तुम जो आए मेरे ख़्वाबदीद मुक़द्दर जागे। |
53.
٥٤.سب لوگ کھڑے دیکھتے ہیں چاند عید کا مشتاق ہوں میں رشک قمر تیری دید کا ۔ सब लोग खड़े देखतें हैं चांद ईद का, मुश्ताक़ हूं मैं रश्क़े क़मर तेरी दीद का। |
54.
٥٥.جو لوگ گزرتے ہیں راہ دل سے انہیں عید مبارک تہ دل سے۔ जो लोग गुज़रतें है राहें दिल से, उन्हें ईद मुबारक तहेदिल से। |
55. ٥٦.دعا ہے آپ دیکھے ذندگی میں بشمار عیدیں خوشی سے مسکوراتی پر آمیز عیدیں۔ दुआ है आप देखें बेशुमार ईदें, ख़ुशी से मुस्कुराती पुरउम्मीद ईदें। |
56.
٥٧ کبھی عید منایا کرتے تھے آج عید گوزارا کرتے ہیں۔ कभी ईद मनाया करते थे, आज ईद गुज़ारा करतें हैं। |
57.
٥٨.عید یوں ہی دابے پاؤں گوزر جا ئے گی تمہاری کمی عید پر بہت یاد آے گی ۔ ईद यूं दबे पांव गुज़र जाएगी, तुम्हारी कमी ईद पर बहुत याद आएगी। |
58.
٥٩. تیرے بغیر بھی اب کے گوزر گی عید کیسی نے بھی نہیں کہا کے تیرے یار سے ملا دیں اس عید۔ तेरे बग़ैर भी अब के गुज़र गई ईद, किसी ने भी नहीं कहा तेरे यार से मिला दे इस ईद। |
59. ٦٠.یے تیری چاہتیں سنبھال رکھی ہیں، جیسے عیدی ہو بچپن کی میری میں چلوں ساتھ – ساتھ تیری چاہتوں رکھے ہیں۔ ये तेरी चाहतें सभांल रखी हैं, जैसे ईदी हो बचपन की मेरी मैं चलूं साथ-साथ तेरी चाहतें रखें हैं। |
60.
٦١.اب کے نا تیری خیر آےگی ، نا میری خیر جاے گی اب کے بھی عید دبے پاؤں گوزر جاے گئ ۔ अब के न तेरी ख़बर आएगी , न मेरी ख़बर जाएगी अब के भी ईद दबे पांव गुज़र जाएगी। |
61.
٦٢.غریب ماں تو بچوں کو بہلاتی ہے ہم پھر کبھی لیلے گے نعے کپڑھے یہ عید تو ہر سال آتی ہے۔ ग़रीब मां तो बच्चों को बहलाती है, हम फिर कभी ले लेंगे नए कपड़े ये ईद तो हर साल आती है। |
62.
٦٤.اپنے ، بیگانے گلے ملتے عید کے دن ایک میں ہوں تجھ سے دور عید کے دن ۔ अपने-बेगाने गले मिलते हैं ईद के दिन, एक मैं हूं तुझसे दूर ईद के दिन। |
63. ٦٥.ہجر میں عید کے دن یاد کے منظر جاگے، تم جو آے میرے خوابیدہ مقدار جا گے ۔ हिजर ईद के दिन याद के मंज़र जागे, तुम जो आए मेरे ख़्वाबदीद मुक़द्दर जागे। |
64.
٦٦.گلشن-گلشن عید مبارک، ساون- ساون عید مبارک آؤ یار گلے لگ جاؤ تم من- تن من عید مبارک۔ गुलशन-गुलशन ईद मुबारक, सावन-सावन ईद मुबारक आओ यार गले लग जाओ, तन-मन तन-मन ईद मुबारक। |
65. ٦٧.آج عید کا دن ہے گلے آج مل لے ظالیم رسم دنیا بھی ہے موقع بھی ہے ، دستوربھی ہی۔ आज ईद का दिन है, गले आज मिल लें ज़ालिम रस्में दुनिया भी है, मौक़ा भी है दस्तूर भी है। |
66.
٦٨.مہک اٹھی ہے فظہ پہرن کی خوشبو سے چمن دلوں کا جلانے عید آئی ہے۔ महक उठी है फ़िज़ा पहरन की ख़ुशबू से, चमन दिलों का जलाने ईद आई है। |
67.
٦٩.تحفہ میری دوعایوں کا پہچے میرا سدا رہے تمہارے خوشبوں کا گہرا۔ तौहफ़ा मेरी दुआओं का पहुंचे मेरा, सदा रहे तुम्हारे ख़ुशबुओं का घेरा। |
68. ٧٠. مسرتیں تمھے عید کی مبارک ہو زیست میں نا تمہارے کبھی کوئی غم آے ۔ मर्सरतें तुम्हें ईद की मुबारक हो, ज़िसत में न कभी तुम्हारे कोई ग़म आएं। |
69.
٨١ خود تو آیا نہیں عید کے دن عید چلی آی ہے عید کے روز کوئی مجھ یوں نا ستاے ख़ुद तो आया नहीं,ईद के दिन, ईद चली आई कोई मुझे यूं न सताए ईद के दिन। |
70.
٧٢.اس کے آنے سے عید ہوی چاند سا چہرہ دیکھا نہ سے عید ہوی उसके आने से ईद हुई है, चांद-सा चेहरा देखने से ईद हुई है। |
71.
٧٣.جس کو چھوڑا تھا میں نے اس کے ناز اٹھانے سے عید ہوی۔ जिसको छोड़ा था मैनें, उसके नाज़ उठाने से ईद हुई। |
72.
٧٤.اے ہوا تو ہی اسے عید مبارک کہنا کوئی اسے یاد کرتا ہے، یہ بھی کہنا۔ ऐ-हवा तू ही उसे ईद मुबारक कहना, कोई उसे याद करता है ये भी कहना। |
73.
٧٥. کہتے ہیں آج عید ہے ، ہمے بھی میسر جاناں کی دید ہوتی कहतें हैं आज ईद है, हमें भी मय्यसर “जाना”की दीद होती। |
74.
٧٦.فلق پہ چاند ستارے نکلتے ہیں ہر شب ، ستم یہی ہے ہمارا چاند نکلتا نہیں ہر شب۔ फ़लक़ पे चांद-सितारे निकलते हैं हर शब, सितम यही है हमारा चांद निकलता नहीं है हर शब। |
75. ٧٧.ارزو یہی ہے کہ عید آئی ہے سنم تم بھی آ بھی جاؤں عید آی ہے आरज़ू यही है कि ईद आई है, सनम तुम भी आ जाओ ईद आई है। |
76.
٧٨.غم ہی غم ہے تیری امید میں کیا رکھا ہے عید آیا کرے اب عید میں کیا رکھا ہے۔ ग़म ही ग़म तेरी उम्मीद में क्या रखा है? ईद आया करे अब ईद में क्या रखा है। |
77.
٧٩.کچھ تارے تیری پلکوں پہ روشن ہوگے کچھ یوں رولاے گا مچھ بھی تیرا غم عید کے دن कुछ तारें तेरी पलकों पर रोशन होंगे, कुछ यूं रूलाएगा मुझे भी तेरा ग़म ईद के दिन। |
78.
٨٠.فاسلہ یوں نا بڑھانے کی عید کی مبارکباد بھی نا دے پائے फासलें यूं न बढ़ाइए कि, ईद की मुबारकबाद न दें पाएं। |
79.
٨١. یہ عید کب آئے گی یار کتنی بورینگ عید ہے یار اتنی جلدی گزر گی یار ۔ ये ईद कब आएगी यार, कितनी बोरिंग ईद है यार इतनी जल्दी गुज़र गई ईद यार। |
80.
٨٢.عید بچوں کی ہوتی ہے یا لڑکیوں کی یہ لڑکے لال ،پیلے کپڑے پہن کر جنگی طیارے بنے کھڑے ہو تے ۔ ईद बच्चों की होती है, या लड़कियों की ये लड़के लाल, पीले कपड़े पहनकर, जंगली तैयार बने खड़े हुए हैं। |
81.
٨٣.دعا ہے آپ دیکھے بشمار عیدیں خوشی سے رقص کرتی پر بہار عیدیں۔ दुआ है आप देखें बेशुमार ईदें, ख़ुशी से रश्क़ करने पर बहारें ईदें। |
82.
٨٤.آج تو مل کے بھی نا ملے یہ کیسی عید مل کر چونکہ جاتے تھے ہم یہ یہ بھی کوئی عید ہے۔ आज तो न मिल के भी न मिले, ये कैसी ईद है ईद मिलकर चौंक जाते थे हम ये भी कोई ईद है। |
83.
٨٥.حا سیل اس مہ لقا کی دید نہیں عید ہے اور ہم کو عید نہیں۔ हासिल इस मेलक़ा की दीद नहीं, ईद है और हमको ईद नहीं। |
84.
٨٦.اب کے برس بہارے عید ہے ہمیں آپ کی آمد کی کوی خبر نہیں ہے अब के बरस बहारें ईद है, हमें आपकी आमद की कोई ख़बर नहीं है। |
85.
٨٧.عید پر سکھیوں کی گفتگوں ہے ہر ایک کو عید پر اپنے محبوب کی آمد کا ہے انتظار عید مبارک کا بھجا ہے پیغامِ محبت ईद पर सखियों की गुफ़्तगू है, हर एक को ईद पर अपने महबूब की आमद का है इंतज़ार, ईद मुबारक का भेजा है पैग़ाम-ऐ-मोहब्बत। |
86.
٨٨.آج یاروں کو عید مبارک ہو راگ ہے، مے ہے،چمن ہے، دل ربا ہے دید ہے۔ आज यारों को ईद मुबारक हो, राग है, मेह है, चमन है, दिल रुबा है, दीद है। |
87.
٨٩.عید کا چاند جو دیکھا ، تو تمننا جا گی ان سے ملاقات ہوجائے تو ہماری عید ہوجائے۔ ईद का चांद जो देखा तो तमन्ना जागी, उनसे मुलाक़ात हो जाए तो हमारी ईद हो जाए। |
88.
٩٠.اس کا شہر تھا اس کی گالی تھی، بس اسکے آنے جانے سے عید ہوی۔ उसका शहर था, उसकी गली थी बस उसके आने-जाने से, ईद हुई। |
89. ٩١پھولوں کی مہک لکر فذا کی ہؤاں سے عید کی موبارک باد کہہ تے ہیں۔ फूलों की महक लेकर, फिज़ाओं की हवाओं से ईद की मुबारकबाद कहतें हैं। |
90.
٩٢.دیش میں نکلا ہوگا عید کا چاند پردیس میں ہمیں اپنو کی یاد میں آنکھیں ہوی ہے نم یہ تنہائی میں کیسے مناے عید देश में निकला होगा ईद का चांद, परदेस में हमें अपनों की याद में आंखें हुईं है नम, तन्हाई में कैसे मनाएं ईद। |
91.
٩٣.تیرے بچھڑنے کے بعد تیری قسم ہم عیدیں مناتے ہی نہیں۔ तेरे बिछड़ने के बाद, तेरी क़सम हम चलें मनाते ही नहीं। |
92.
٩٤.کاش کے عید کے دن ان حسین لمحوں کی میری ذاتہ گمشدہ یاد آئے عید کے دن۔ काश् के ईद के दिन, उन हसीन लम्हों की मेरी ज़ाते गुमशुदा याद आए ईद के दिन। |
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٩٥.عید کے دن بھی مجبور تھے ہم روں پڑے گلے لگ کر آپ کی تصویر سے ہم۔۔ ईद के दिन भी मजबूर थे हम, रो पड़े गले लग कर आपकी तस्वीर से हम। |
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٩٦.کیس سمت سے آؤ گے اتنا تو بتا دو، اس عید پر میں نگاہوں کو بچھا دوں اتنا تو بتا دوں۔ किस हिम्मत से आओगे इतना तो बता दो, इस ईद पर मैं निगाहों को बिछा दूं इतना तो बता दो। |
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٩٧.میں منتطر ہوں تیری دید کا تو نظر آنے چاند بن کر عید کا ۔ मैं मुंतज़िर हूं तेरी दीद का, तू नज़र आए चांद बनकर ईद का। |
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٩٨.آج عید ہے وطن کی یادوں کو سینے سے لگاے بٹھے ہیں۔ आज ईद है, वतन की यादों को सीने से लगाए बैठें हैं। |
97.
٩٩.اببوں، آمی نے بھی یاد کیا ہوگا عید پر بہت روی ہونگی آمی اپنے لاڈلے بیٹے کی کمی ہر عید پر شدت سے یاد آیا ہو گا ۔ अब्बू-अम्मी ने भी याद किया होगा, ईद पर बहुत रोई होगी अम्मी अपने इकलौते बेटे की कमी पर, हर ईद पर शिद्दत से याद आया होगा। |
उम्मीद करती हूँ कि ईद मुबारक पर दो लाइन की शायरी पढ़कर त्योहार का माहौल और खुशनुमा हो जायेगा। Comment Section में मुझे ज़रूर बताएं कि कौन-सी शायरी आपको सबसे ज़्यादा पसंद आई।