मतलबी लोगों के लिए शायरी की तब ज़रूरत पड़ती है, जब किसी से धोखा मिला हो और मन बहुत परेशान हो। 

तब अक्सर ऐसा होता है कि लोग मतलबी लोगों पर कविताएं ढूढ़ते हैं, जिन्हें पढ़कर उन्हें थोड़ा सुकून मिल जाये। 

अगर आप भी ऐसे ही स्वार्थी लोगों के लिए स्टेटस Share करने के लिए Mean People Quotes ढूंढ रहे तो यह संकलन आपके बहुत काम आएगा।

मतलबी लोगों के लिए शायरी | Messages To Understand People BETTER

आइए मतलबी लोगों के लिए स्टेटस पढ़ना शुरू करते हैं –

1.

रिश्ते इतने हसीन थे,

इरादे इतने मतलबी क्यों?

ज़िंदगी तो लंबी थी,

रिश्तों की उम्र इतनी छोटी क्यों?

 

2.

एक रिश्ता मैं अकेले,

जिए जा रही थी

तुझसे प्यार करती थी,

निभाए जा रही थी।

 

3.

इर्द-गिर्द फिर से,

रिश्तों की भीड़ लगा सकती हूं मैं

बस उन्हें इतनी खबर होनी चाहिए,

फिर से मतलबी हुए वो तो

वीराने में जीवन बिता सकती हूं मैं।

 

4.

बेवकूफ थी मैं कि,

रिश्तो की डोर से बंधी थी

पता नहीं था ना,

इस डोर से सिर्फ मैं ही बंधी थी।

 

5.

जब तक मैं चुप रही,

सब अपने मतलब निकालते रहे

ज्यों ही अपने लिए कुछ करना चाहा,

मतलबी हो गई मैं?

 

6.

क्यों करूं मैं परवाह,

उनकी जो मुझे छोड़ गए

अब रहे किसी भी हाल में,

वो मुझे कोई फिक्र नहीं।

 

7.

सब छोड़ गए बुरा नहीं लगा,

पर उन्हीं मतलबी लोगों के लिए

तुम छोड़ गए बहुत बुरा लगा।

 

8.

जो रिश्ते स्वार्थ के लिए जोड़े जाते हैं,

एक दिन टूट ही जाते हैं

टूटने वाली चीज़े मुझे पसंद नहीं,

फिर वो शीशा हो या रिश्ता।

 

9.

आजकल सिक्कों की खनक से,

रिश्तों का पता चलता है

खनक कम तो रिश्ते कम,

खनक ज़्यादा तो रिश्ते ज़्यादा।

 

10.

पुरानी कहावत है,

एक उंगली उठाओगे

चार तुम्हारी तरफ उठेगी,

पर फिर भी लोग

उंगली उठाना नहीं छोड़ते।

 

11.

खुद को Prove करने की,

हद पार हो गई

झूठे और मतलबी लोगों से,

दुनिया तार-तार हो गई

समझ गई हूं अब मैं यह बात,

उनको Prove करने में

होगा मुझे ही आघात।

 

12.

प्यार है मेरा जो बंधी हूं,

अब तक तुमसे

कमज़ोर कतई नहीं हूं,

एक बार जो तोड़ दूंगी

कोई आस न रखना मुझसे,

न मैं आऊंगी न तुम्हें आने दूंगी।

 

13.

मुझे मतलबी बोलने वालों,

खुद के गिरेबां में झांको

अब तो देर हो गई,

बीत गए सालों

मेरे लिए न सही,

खुद के लिए ही सही

एक बार तो झांको।

 

14.

रिश्तों की भीड़ में,

एक प्यारा-सा रिश्ता मिला

मैंने भी संभाल कर,

उसे सीप में मोती-सा रखा।

 

15.

उलझी रही जिन रिश्तों में,

मैं जब होश आया तो

अकेली खड़ी थी और वक़्त जा चुका था।

 

16.

ऐ जिंदगी बहुत कुछ सिखाया तूने यार,

पर मतलबी लोगों को परखना या

उन जैसा बनना क्यों नहीं सिखाया यार।

 

17.

तुम्हारे लिए मैंने,

सब कुछ छोड़ दिया

टूटी तो मैं तब,

जब तुम ने मुझे छोड़ दिया।

 

18.

मैंने तो रिश्ते बड़े दिल से निभाए थे,

लोगों ने मुझे ही दरकिनार कर दिया

मैं ढूंढती रही पूछती रही वजह

बेवजह ही मुझसे किनारा कर लिया!

 

19.

मौसम का भी समय है,

चार महीने में बदलते हैं

लोगों का कोई समय नहीं,

जब चाहे बदल जाते हैं।

 

20.

एक तरफा रिश्ते निभाए नहीं जाते,

अब तो उस स्थिति में हूं मैं

जिसे आना है आओ जाना है जाओ,

तुम्हारी मर्ज़ी मेरा तो बस हो गया।

 

21.

पढ़ा है कहीं जो खुद जैसा होता है,

उसे सब वैसे दिखते हैं

इसलिए मतलबी और बेशर्म लोगों को,

सारी दुनिया वैसी दिखती है।

 

22.

कुछ लोग हमारा,

फायदा भी ऐसे उठाते हैं

मानों हम पर ही,

एहसान कर रहे हो।

 

23.

तेज रफ्तार से भागती जिंदगी
से क्यूं ना कुछ पल चुराए,
छोटी-छोटी बातों को जाने दे
रिश्तो को दिल से निभाए।

 

24.

ए जिंदगी आ ! मैं और तू मस्त रहते हैं
लोग जो जलते हैं उन्हें थोड़ी और हवा देते हैं।

 

25.

थक गई हूं, रिश्तों के पीछे भागते-भागते,
खोखले रिश्ते निभाते-निभाते।
मंजर अब कुछ यूं है,
कोई हो तो ठीक ना हो तो भी ठीक।

 

26.

जब से मैं मतलबी रिश्तो को परखने लगी
प्यार का रंग फीका पड़ने लगा,नकाब उतरने लगे।

 

27.

अपनी जिंदगी में कौन क्या कर रहा मुझे मतलब नहीं
मगर मेरी जिंदगी में घुसने सब चले आते हैं।

 

28.

रिश्तो को दिल से निभाया
जान की तरह,
वो भी दगा दे गए
सांसों की तरह।

 

29.

जिनके लिए मैंने अपनी पूरी जिंदगी दे दी
वही कह रहे हैं ,कि तुमने किया क्या है?

 

30.

धोखे बड़े खाए मैंने

इस छोटी सी जिंदगी में।

भरोसा उठ गया मेरा

अब तो फरेबी बंदगी से।

 

31.

खुश रहने का एक ही रास्ता है इस दुनिया में
ना कोई सवाल ना जवाब कोई कुछ भी कहे जियो बिंदास!

 

32.

जमाने की हसरतें तो मुझे
धूल में मिलाने की थी,
पर मां की दुआएं उनकी
हसरतों पर भारी थी।

 

33.

गिराना चाहा जिन लोगों ने मुझको
दिखाऊंगी एक दिन उन सबको
उनकी बददुआओं को दुआएं मान ली।
मैंने भी जिद कुछ बनने की ठान ली।

 

34.

जिनको किया खुद से भी ज्यादा प्यार
उन्होंने भी न जाने क्यूं मुंह फेर लिया?

 

35.

खुशी देखी ना गई मेरी जिन सबसे
रिश्ता तोड़ा उतनी ही खुशी, उतने ही मन से

 

36.

एक मै थी एक तुम थे
प्यार और विश्वास का रिश्ता था
ना जाने ऐसा क्या हुआ
ना मैं रही ना तुम रहे
और ना ही रिश्ता था

 

37.

अगर कुछ सही नहीं तो
सबके लिए सही नहीं
फिर वो लोगों के लिए सही
सिर्फ मेरे लिए गलत क्यूं?

 

38.
मतलब निकलने के बाद निकल जाने वालों जिंदगी लंबी है
हो सकता है,फिर हम से मतलब निकल आए।

 

39.

तुम्हारी सोच तुम्हारी है,मेरी सोच मेरी है
रिश्ता रखना है रखो नहीं रखना है तो go to hell..

 

40.

गलती मुझसे हुई दुनियादारी निभाने में,
रिश्ते दिमाग से निभाने थे दिल से निभा दिए।

 

41.

तरह-तरह के लोग मिले जिंदगी में
हर किसी को अपना मतलब निकालना था
किसी को कुछ, किसी को कुछ चाहिए था
हद तो तब हो गई जब कुछ ऐसे मिले
जिन्हें मेरा जिस्म चाहिए था।

 

42.

कुछ लोग ऐसे होते हैं
जो गलतियां खुद करते हैं
उंगलियां आप पर उठाते हैं
मजे की बात तो ये है
लोग विश्वास भी इन्हीं पर करते हैं।

 

43.

ऐ खुदा! इस मतलबी दुनिया में भेजने से पहले
कम से कम इन जैसा बनाया भी तो होता।

 

44.

मतलब की दुनिया है,
जब तक मतलब निकला ठीक,
फिर तू कौन? मैं कौन?

 

45.

लोगों ने जो जख्म दिए
उसने जीना सिखाया है।
जख्मों को जो याद किए
यादों ने बहुत रुलाया है।

 

46.

मतलबी और स्वार्थी लोगों को एक सलाह,
अपनी जिंदगी से मतलब रखो
दूसरों को ना दो सलाह।

 

47.

मतलब की दुनिया में एक बार
खुद के लिए मतलबी बनकर देखो ।
छोड़ दो उन रिश्तों को जो तुम्हें घुटन दे रहे
खुशियां इंतजार कर रही, जिंदगी जी कर देखो।

 

48.

तराशना है मुझे खुद को इस कदर,
मुझे खोने वाले को हमेशा अफसोस रहे।

 

49.

आजकल लोग इंसान से नहीं
हैसियत से रिश्ता निभाते हैं।
दिल की बात करते-करते,
दिमाग से खेल जाते हैं।

 

50.

रिश्तो की डोर अगर सिर्फ तुमने पकड़ी है
तो छोड़ दो कोई फायदा नहीं होने वाला।
क्योंकि चाहत और ऐहसास एकतरफा हो
तो कोई रिश्ता नहीं चलने वाला।

 

51.

ऐसे लोग भी मिले जिंदगी में 

जो मुझे जलाने में खुद ,

जल-जल कर धुआं हो गए

मैं उसी तपिश में निखर गई।

 

52.

नजरों में बसाया था तुम्हें, तुमने नजरअंदाज कर दिया,
काश! मुझे भी नजरअंदाज करने का यह हुनर आता।

 

53.

रहगुजर थी मैं तेरी गलियों की,
तूने मतलब पूरा होते ही गली बदल दी।

 

54.

जब तक बर्दाश्त कर रही
बोल रहा है जमाना।
जिस दिन मैं बोल पड़ी
चुप हो जाएगा जमाना।

 

55.

नजरों में तुम्हें बसाया था,
फितरत तुम्हारी देख ना सकी,
चलो एक सबक और सही ।

 

56.

न जाने किस ने तुमसे क्या कहा ?
तुमने सालों का रिश्ता पल में तोड़ दिया।

 

57.

फरेबी दुनिया है, फरेबी रिश्ते,
कोई बात नहीं
वो अपने रस्ते, मैं अपने रस्ते..

 

58.

जब लोग मीठी-मीठी बातें करते हैं समझ जाना,
या तो कोई मतलब है या फिर छुपा कोई खंजर है।

 

59.

चांदनी रात तले, तुम्हारे आगोश में सोई थी मैं।
सुबह उठी, तो देखा तुम नहीं थे,छली गई थी मैं।

 

60.

रिश्ते अगर स्वार्थ से परे होते तो,
जिंदगी बिना कांटों के गुलाब सी होती।

 

61.

तकलीफ तो मुझे अपनों की बातों ने दी,
जमाने को तो मैं हवा में उड़ा देती हूं।

 

62.

उसूल लोगों का बिल्कुल साफ
और बस इतना है,
जहां मतलब पूरा हो,
वो रिश्ता अपना है।

 

63.

बनावटी रिश्ते, बनावटी लोग,
बनावटी बातें, बनावटी अपनापन
पहचानने लगी हूं मैं।

 

64.

कुछ लोग राहों में पत्थर भी खुद बिछाते हैं,
और आकर पूछते भी हैं चोट तो नहीं लगी?

 

65.

कभी-कभी सवाल करना चाहती हूं मैं जमाने से
पर दिल कहता है, वह मेरे सवालों के काबिल भी नहीं।

 

66.

जरूरी था मतलबी लोगों का होना भी जिंदगी में,
क्योंकि अहम किरदार है उनका भी मेरी ऊंचाइयों में।

 

67.

इल्जामों से भरी इस दुनिया में ,
बहुत कुछ खो कर, खुद को पाया है।

 

68.

जरा अपनी मर्जी से जीने क्या लगी मैं,
सबका प्यार न जाने कहां हवा हो गया।

 

69.

ऐसा नहीं कि समझती नहीं
मैं उनकी फितरत को,
वो मेरे मुंह पर कुछ और
पीछे कुछ और है!!

 

70.

शिकायतें करती थी लोगों से
तो भी वो दुखी थे
शिकायते नहीं करती
तो भी वो दुखी है !!

 

71.

जो लोग पीठ पीछे बातें करते हैं
उन्हें एक सलाह है मेरी !
कृपया थोड़ा आराम कर ले
मैं गई नहीं हूं कहीं !

 

72.

काश की इक आईना ऐसा होता
जो आदमी को आदमी की
असलियत से वाकिफ करा देता !

 

73.

रिश्तो में प्यार तकरार होनी चाहिए ,
पर साजिशों की जगह नहीं होनी चाहिए।

 

74.

तुम्हें जीना है तो खुद उठना पड़ेगा
जमाना तो अपने मतलब का यार है।
किसी को नहीं पड़ी, बुलंद खुद को करना पड़ेगा
तेरी मंजिल को तेरा इंतजार है।

 

75.

गलतफहमी और खामोशी दो ऐसी बातें हैं
जो पक्की दीवारों में भी छेद कर देती हैं।

 

76.

वो लोग खुश होकर आए थे मुझे दुखी देखने
दुखी होकर गए, मुझे खुश देख कर ।

 

77.

झांकते थे जो मुझे फेसबुक, टि्वटर और इंस्टा में
ब्लॉक कर दिया है, उनको सोशल मीडिया से!

 

78.

कोई भी साथ छोड़ दे मेरा
कोई गम नहीं है।
जिंदगी “इश्क” है मेरा हर
कदम साथ निभाती है।

 

79.

ऐ रब मुझे मतलबी नहीं बनाया शुक्रगुजार हूं तेरी,
पर फिर छुपे चेहरों को पहचानने का हुनर क्यूं दिया?

 

80.

लोग नजरें चुरा कर निकल जाते हैं आजकल मुझसे,
शायद इसलिए क्योंकि वक्त जरा खराब चल रहा है मेरा।

 

81.

मुझसे एक गलती हो गई तो
शोर मचाने लगे सारे।
अपनी बड़ी से बड़ी गलती को
खूबसूरती से छिपा गए सारे।

 

82.

तेरे लिए कुर्बान कर दिया खुद को
खुद से पहले तुझको रखा था।
गए तुम, तुम्हारी मर्जी थी
बस जाने से पहले खता तो बता जाना था।

 

83.

अजीब दस्तूर देखा दुनिया का
औरों की गलती, गलती
और उनकी गलती
दूसरों की गलतियों का जवाब।

 

84.

रिश्तों के भी अजीब किस्से हैं,
समझ नहीं आते हैं
कुछ दिल के टुकड़े मार दिए जाते हैं,
कुछ कचरे में फेंक दिए जाते हैं।

 

85.

बहुत कोशिशें की लोगों ने हमें शामिल करें अपनी जमात में
हम भी कुछ अलग थे हमारे जमीर को बिकना गवांरा न था
बस बदनाम हो गए जमाने में!!

 

86.

अच्छा बुरा समझाने के लिए,गिरने पर उठाने के लिए
मंजिल पर पहुंचाने के लिए,
सबके छोड़ जाने के बाद भी, साथ निभाने के लिए
लव यू जिंदगी !!

 

87.

मतलबी लोगों की भीड़ में
एक रिश्ता ऐसा मिला ,
जिस ने बिना किसी मतलब के
मुझे आसमां से मिलाया है।

 

88.

तुझे प्यार किया था सांसो से ज्यादा
तुम यूं चल दिए मानो हम थे ही नहीं।

 

89.

कुछ देर चुप रही मैं जमाने ने समझा डर गई
भूल गए वो खामोशियां बोलती है तो तूफान आते हैं।

 

90.

आज दिल खफां है मुझसे
समझाया था उसने अपने बारे में सोच,
कुछ दिमाग से भी काम ले
मैंने दिल की सुनी नहीं और दिल से काम लिया।

 

91.

जिन लोगों ने मेरे वजूद को पांव तले रौंदा
मुझ को आगे बढ़ने से रोका
वही आज मेरे पीछे भाग रहे।

 

92.

हर झरोखा, हर खिड़की, दरवाजे भी बंद कर दिए मैंने,
मेरी जिंदगी में दखल देने वालों जाओ, अब किसी और को ढूंढों।

 

93.

मतलबी का मतलब
मतलबियों ने समझाया।
जब पूरे हुए इरादे
चल दिए तोड़ सारे वादे।

 

94.

कहा था तूने ….
बनूंगा तेरा साया, बनूंगा तेरी ढ़ाल।
मुझ नादान को क्या पता था,
मेरे भरोसे का कर कत्ल,
तेरे हाथ ही होंगे लाल।

 

95.

जब जरूरत पड़ी हमारी,
भागी चली आई दुनिया सारी।
दिखाया बहुत आदर, किया बड़ा सत्कार
देखा ना कभी पहले, दिया उतना प्यार
जैसे ही हुई जरूरत पूरी, दिया दुत्कार।

 

96.

दुनिया इंसानों से नहीं,
मतलब से बनी लगती है।
तभी तो दूरी रिश्तो से नहीं,
जरूरतों से घटती दिखती है।

 

97.

गुरुर थे तुम मेरा
भरोसा खुद से ज्यादा था।
जरूरत जो पूरी हो गई,
बीच हमारे दूरी क्यों आ गई?

 

98.

काश! ये मतलब पहले समझ लिया होता,
जिंदगी का रुख मोड़ दिया होता ।
मतलबियों के मतलब में वक्त ना खोती,
उनके जीवन में उन्हें भी अकेला ही छोड़ती।

 

99.

लोगों को दरकिनार कर,
निकल पड़ी मैं अपने ख्वाब लेकर।
हर कदम पर एक शख्स मिला,
मुझे गिराने का सामान लेकर।

उम्मीद करती हूँ कि स्वार्थी लोगों पर कविताएं पढ़कर आपको लोगों की पहचान करने में मदद मिलेगी। Comment Section में मुझे ज़रूर बताएं कि कौन-सी शायरी आपको सबसे ज़्यादा पसंद आई।

Rajni Tulsyan