खोज रहे हैं क्या आप दिल टूटने पर कविताएं जो आपकी रूह को छू जाए?
टूटे दिल के फ़साने तो वैसे भी मशहूर, दुनिया भर में हैं, तोह ऐसी ही कुछ नज़्में मैं आपके सामने पेश कर रही हूँ
दिल टूटने पर कविताएं |103 बेहतरीन रचनाएं
नगमे मेरे दिल से आपके दिल तक।
ऐसे ही टूटे दिल के अफसाने मैं, सुरिंदर लगी हूं सुनाने।
1. ग़र तू ही इश्क़ होने से मुकर गया होता। मेरे अन्दर का वो ज़ख्म भर गया होता । |
2.
भूलने को तो बहुत कुछ भूल जाती हूं |
3.
चीखना चाहता है जब मन। ख़ामोशी करती है तब क्रंदन। |
4.
तेरा इश्क़ चढ़ा गया मुझे सलीब पर। शक नहीं था किसी को मेरे हबीब पर। |
5.
दर्दे दिल की कोई जुबां नही होती। ये हकीकत लबों से बयां नही होती । |
6.
राजे़ दिल हर एक से कहा नहीं जाता। देखिये ,आप के बिन अब रहा नहीं जाता। |
7.
आज फिर दिल में कुछ टूटा सा तो है। कोई अपना आज फिर, रूठा सा तो है। |
8.
तेरे इश्क़ में मुझे, रुसवाईयों के सिवा कुछ मिला न था। दिल के टूटने पर भी, तुझसे कोई गिला न था। |
9.
अजीयते अपनी हैं, दर्द भी है अपने सोचे क्यूं अब ,तेरा हमसाया किधर है। |
10.
जिंदगी की अक्सर उदास राहों में। खोये रहते है हम तेरी खाबगाहों मे। |
11.
जिंदगी की धुंध में कुछ भी नुमाया नहीं। तेरी आहट तो हुई,तू मगर आया नहीं |
12.
तमन्ना थी तेरे साथ ये जिंदगी गुजार लें थोड़ा सा हम भी , ये जीवन संवार लें। |
13.
दिल टूटा है, मगर अभी हम नहीं टूटे। अरमां दिल के, तूने सरे बाज़ार लूटे। |
14.
हमसफर था, हमराज़ था, हमख्याल न था। जिंदगी की अजब हालत का मलाल न था। |
15.
दिल की लगी है ये, हमने वक्त नहीं गुज़ारा। लौट के ग़र आ जाओ, जीने लगे दुबारा। |
16. तिनका भी चुभ जाता है, कभी कभी खंजर की तरह। याद रह जाता है कोई ,खूबसूरत मंजर की तरह। |
17.
दर्द सिमट है आया, बे ख्वाब सी आंखों में । इक तेरा है साया , लाज़वाब सी आंखों में। |
18.
बेवफाई तेरी रखी है संभाल कर। वफ़ा पर न अब तू ,कोई सवाल कर। |
19.
परछाइयों के शहर में परछाई बन कर रह गई। तेरी मोहब्बत ही मेरी रुसवाई बन कर रह गई। |
20.
वक्त लगता है कब बेवफा होने को। देर लगती नहीं अब पराया होने को। |
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टूटे दिल के अफसाने
21.
हिज्र के काँच चुभे है हाथ की लकीरों में। इश्क़ बैठा गया ला कर हमें फकीरों में। |
22.
आज ऐसे हालात क्यूं है? रूठे दिल से नग्मात क्यूं है? |
23.
खिजां का मौसम ठहर गया है जिंदगी में वैसे इस टूटे दिल में बहार आई तो थी। |
24.
हम को तो यारा ,तेरी जुदाई ने मारा। तेरी शोहरत और ,मेरी रुस्वाई ने मारा। |
25.
मत करना उसके वादों पे ऐतबार। या भूल जाना क्या चीज़ थी बहार |
26.
क्या हुआ जो अब, रहगुज़र है अलग । कभी तेरे तस्सवुर का ख्याल रही हूँ। |
27.
दिल के तारों में, अभी कसक बाकी है बहुत। टूटे शीशों में ,अभी खनक बाकी है बहुत। |
28.
रोज जलते है मेरे दिल ,तेरी यादों के चिराग। अपनी तो हर रोज़, दीवाली होती है! |
29.
ख़लिश थी दिल में, लहज़ा मगर नरम रखा। तेरे जाने के बाद, तेरे होने का भ्रम रखा। |
30. जागती आँखो से उसने खाब बहुत दिखलाये। मगर हम समझ ही न पाये ये खाब हैं पराये। |
31.
चले सफ़र पर तो साथ ही अपने ये ग़म निकले। चीरा दिल को तो , ज़ख्म ज्यादा खून के कतरे ही कम निकले। |
32.
तुम्हे पाने के लिये मैंने क्या कुछ नही किया। सुलगते दिल ए बाम पर जलाया रोज़ दिया। |
33.
वो तो एक आम शख्स ही निकला हम जिस को यूं ही, खुदा बना बैठे। |
34.
साथ ही लेकर चलेगे , अब हम इस दरद को। लगता है इस दर्द का , भी कोई हमदरद नही। |
35.
अब तुम आये हो तो पहले से वो हालात नही। अपने हिस्से मे वो पहली सी मुलाकात नही |
36.
इश्क की अब इंतहा हो गई। जिंदगी एक खाली मकां हो गई। |
37.
जीने के लिये साँसे ही नही चाहिये फक्त जिन्दा है तो नब्ज़ भी चलनी चाहिये।। |
38.
देखी है यहाँ रिश्तों की तिजारत। बदली हुई है जिंदगी की इबारत। |
39.
कहने को तो बैठे हैं भरी महफ़िल में दिल के अन्दर सिर्फ तन्हाई है। |
40.
अजब सा मौसम है दिल का, तेरे ही ग़म में रोते हैं। रो रो कर अब रातों को, हम दर्दे जुदाई सहते है। |
41.
तुम ने हम को यारा जितने भी गम दिये। गम ये है , हम को क्यूं इतने कम दिये। |
42.
तेरा इशक चढा गया मुझ को सलीब पर। शक करते रहे लोग, मेरे हर रकीब पर। |
43.
पूछा न उसने कि हाल क्या है ? दिल में मचा फिर बवाल क्या है? |
44.
भटका दिया है जिंदगी ने मुझे। मार डाला इस बेबसी ने मुझे। |
45.
हम को ये ज़माना न रास आया। तुम से दिल लगाना न रास आया। |
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दिल टूटने वाली 2 Line की शायरी
46.
जख्म भर गया है,अभी निशान बाकी है. दिल बेशक टूटा है, अरमान बाकी है ॥ |
47.
ऐसे गये हो जिंदगी से मेरी जैसे किसी हादसे में जान चली जाये। |
48.
बेवफाई उसने तो करनी ही थी इसमे कोई नया कमाल क्या है।? |
49.
लिखूंगी एक मैं विरह की कहानी। जिसे पढ़ के तू भी होगा पानी पानी। |
50.
सब कुछ पहले जैसा ही है,बस तुम बदल गये। मीठी-मीठी बातें करके,मुझको छल गये। |
51. दुहाई देते रहते है कुछ लोग रिश्तों की—मगर रिशते नहीं निभाते। बाते करते है हमसफर बनने की यूँ ही–मगर साथ नही दे पाते। |
52.
घर तन्हाई से भर गया है। कोई इतना तन्हा कर गया है। |
53.
जो प्यार के रंगों ,में था रंगा उस दिल में अब ,नफरत है। |
54.
आंखें पथरा गई, तेरा इंतजार करते करते। उम्र कट गयी, तुझ से प्यार करते करते। |
55.
ये बेवफाई जाने, कैसे सह जाते हैं लोग। बिना मोहब्बत, कैसे रह जाते हैं लोग। |
56.
तेरी अजीयतों का अब ,कौन हिसाब रखें । संभाल कर दिल में अब कौन अज़ाब रखें । |
57.
याद करने में हमने हद कर दी, भूलने में तुम भी कमाल करते हो। |
58.
तेरे भूलने का ग़म नही कोई जानती हूं ये तेरी फितरत है। |
59.
तेरी अजीयतों का अब ,कौन हिसाब रखें । संभाल कर दिल में अब कौन अज़ाब रखें । |
60.
मेरी जागती आंखों ने,ख्वाब नहीं देखा कब से। तुझ से बेहतर कोई ,नायाब नहीं देखा कब से। |
61.
भूलने भुलाने का सिलसिला क्यों हो बाकी ताल्लुक खत्म है तो , क्यों रहे ये राबता। |
62.
जब तेरा ज़िक्र होता है तेरे बाद। ताज़ा ग़म ए हिज़्र होता है ,तेरे बाद। |
63.
झूठी कसमें,झूठे वादे,सब कुछ झूठा था तेरा तो क्यों यकीं मैं कर बैठी ,रखी कोई एहतियात नहीं। |
64.
वक़्त ने रुक कर तूने,कहां चखी आराम की लज्जत। जाने वालों ने देखी कहां, इंतज़ार की शिद्दत। |
65.
टुकड़े टुकड़े हो गये खुद को तराशते हम बन पाता किसी का खुदा, मैं ऐसा पत्थर न था। |
66.
सोचा था हमने ,एक जख्म हैं भर जायेगा। हैरां हूं कैसे , एक शख्सं, तन्हा कर जायेगा। |
67.
कहते थे जो ,साथ देंगे तेरा हम उम्र भर वक्त पड़ने पर ,सब वो वादे हो हवा गये। |
68.
अंधेरा होने पर अपनी परछाई तक साथ छोड़ जाती , तुम तो फिर भी ग़ैर थे। |
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प्यार में दिल टूटने वाली शायरी 2 लाइन में
69.
कभी दिल टूटा,कभी हम टूटे इश्क़ कुछ भी नहीं ,हादसों के सिवा। |
70.
बुत को ख़ुदा कहने की ,मिली मुझे सज़ा। लगेगी अब न कोई भी मुझे दुआ। |
71.
न दर्द हुआ सीने में न , माथे पे शिकन आई इस बार जब दिल टूटा तो बस मुस्कान आई । |
72.
तुम्हें सच में नहीं याद या बहाना बनाते हो। छोटी सी बात का क्यों अफ़साना बनाते हो। |
73.
कोई लाख बेवफा हो जाते,चाहत कंधे वी मुकदी नही। नदी प्यार वाली रहे सदा वहिंदी,इस कदे वी सुकदी नहीं। |
74.
याद है मुझे ,कितना प्यार था मुझसे साथ जीने मरने का करार था मुझसे। |
75.
याद रखना तुझे अब मुमकिन नही रहा। मैं जो था, वो आज तेरे बिन नही रहा । |
76.
कुछ लम्हे क्यू इतने उदास होते हैं?? बिछड़े लोग क्यू आस पास होते हैं?? |
77.
यादें पुरानी, ज़ख्म नये दे जाती हैं। तू क्या जाने ,कैसे दिल तङपाती हैं। |
78.
तुम इतना याद मत आया करो किसी पर तो हमें भूल जाया करो। |
79.
यादों की छांव है बाकी, प्यार की धूप ढल गई। हाथ मलते रह गए और जिंदगी निकल गई। |
80.
गिला किसी से नहीं जो दिल टूट गया टूटने वाले दिल कुछ खास होते हैं,?? |
81.
महफूज़ समझते थे खुद को उनके दिल में लगाया किसी और से ,दिखाया बाहर का रास्ता। |
82.
भूल गये हो आज, हमें तो ग़म नहीं यही इश्क़ कभी दीवानावार था मुझसे। |
83.
न अश्क बहा उस शख्स के लिए भूलने वाला इसके काबिल नहीं था। |
84.
जो बात लबों पे रुकी रही उम्र भर हैरां हूँ झट से, कैसे कह जाते हैं लोग। |
85.
अपने आप से मिलने को तरसता हूं। रोज़ खुद से कुछ दूर सरकता हूं। |
86.
तन्हाई में होता हूं उस शख्स से मैं रूबरू। सपने जिसके मेरे जैसे हैं, हूबहू। |
87.
खुशबू बन हम दर ब दर हो गये। चुरा ले गये जो दीया मेरी कबर से, पता करो, क्या उनके रौशन घर हो गये। |
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दिल टूटने पर Status
88.
लिख लिख कर मेरा नाम मिटाओगे कहां तक? दिल के ही ज़ख्म दिल से छुपाओगे कहां तक? |
89.
जख्म आदी हो गये हैं हमारे हमारे सिवा कहीं जाते नहीं। एहसासों के रिशते हैं इनसे, कहीं और दिल अब लगाते नहीं। |
90.
मुस्करा रही हूं तो क्या, नही मिला कोई ज़ख्म। दिल की आँखो से देख, मिट जायेगा तेरा वहम। |
91.
कैसे कहे हमको कितना सताया गया है। आंखों में जब तक आये न आंसू तब तल्क मुझ को हंसाया गया है। |
92.
तेरी दहलीज तक ,प्यास ले आई हमें। शिद्दत ए तिशनगी , कोई न मेरी समझा सब्र करने की ही बात समझाई हमें। |
93.
दाद देते है तेरी इस बेवफाई की हम , थोड़ी हमे भी सिखलाओ तो ज़रा। हमसफर बन कर साथ चल तो रहे हो थोड़े हमख्याल भी बन जाओ तो ज़रा। |
94.
सोचा था हमने ,एक जख्म हैं भर जायेगा। हैरां हूं कैसे ,एक शख्सं,तन्हा कर जायेगा कैसे कह दें ,वो मेरे दिल में उतर जायेगा। |
95.
भूलने को बहुत सी बातें ,भूल जाती हूं मगर जो भूलना चाहती हूं !! वो क्यों याद रहता है।?? |
96.
चलती तो रोज हूँ !! तुम्हारे बिना!! पर पहुँचती कहीं नहीं!!! |
97.
मिलने आओ ना कभी मुझे किस्मत से चोरी चोरी !!!! |
98.
कहकशां मे इतने है सितारे, एक हमें ही मिलता क्यूं नही। खिजां हो या हो मौसम बहार, दिल का फूल खिलता क्यूं नही? |
99.
कांटों से भर गया वो दामन बातें फूलों की करता था फिर भी ये दिल कहता है वो मुझ से मोहब्बत करता था. |
100.
कभी तो ये लब हिलें। कभी तो दोनों दिल मिले। कह दें दिल अपने की बात छोड़ सब शिकवे गिले। |
101.
रात गुजर जायेगी यूं ही, तेरा इंतज़ार करते-करते। जिंदगी गुज़र जायेगी यूं ही, तुझसे प्यार करते-करते। |
102.
मान जाओ —नही तो ,हम भी रुठ जायेंगे। देखेगें कैसे आप ,फिर हमें मनायेंगे। चले भी आओ –नहीं तो, हम भी न बुलायेगे। आवाज फिर कभी हमारी न सुन पाओगे। |
103.
अच्छा लगता है तन्हा रहना मगर तन्हाई से प्यार कब तक। जिंदा रहने है तो सांसें चाहिए सांसों का ये व्यापार कब तक। |
उम्मीद करती हूं मेरी दिल टूटने पर कविताएं आप के दिल को छू लेंगी । मुझे आप सब के comments का इंतजार रहेगा ।